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लोकजनशक्ति पार्टी विवाद: बिहार में उपचुनाव से पहले चुनाव आयोग ने निकाला बीच का रास्ता

चुनाव आयोग ने चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस धड़ों द्वारा लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के नाम या उसके चुनाव चिह्न 'बंगले' का इस्तेमाल करने पर तबतक रोक लगा दी है जबतक कि आयोग दोनों प्रतिद्वंद्वी समूहों के बीच विवाद का निपटारा नहीं कर देता।

Lok Janshakti Party tussle Election Commission decision for Chirag Paswan & Pashupati Paras Group लो- India TV Hindi Image Source : INDIA TV लोकजनशक्ति पार्टी विवाद: बिहार में उपचुनाव से पहले चुनाव आयोग ने निकाला बीच का रास्ता

नई दिल्ली. रामविलास पासवान के निधन के बाद चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस के धड़ों के बीच विवाद जारी है। पार्टी सिंबल को लेकर उनका विवाद चुनाव आयोग तक पहुंच चुका है। अब चुनाव आयोग ने ये तय किया है कि जबतक अंतिम फैसला नहीं हो जाता, तबतक चिराग पासवान गुट नए नाम लोकजनशक्ति पार्टी ( रामविलास) और सिंबल हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करेगा जबकि पशुपति नाथ पारस गुट नए नाम राष्ट्रीय लोकजनशक्ति पार्टी और चुनाव चिन्ह सिलाई मशीन का इस्तेमाल करेगा।

अब चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस गुट दोनों धड़े आगामी दिनों में दो विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के लिए चुनाव आयोग द्वारा दिए गए नामों और चिन्हों का उपयोग कर सकेंगे। आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस धड़ों द्वारा लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के नाम या उसके चुनाव चिह्न 'बंगले' का इस्तेमाल करने पर तबतक रोक लगा दी है जबतक कि आयोग दोनों प्रतिद्वंद्वी समूहों के बीच विवाद का निपटारा नहीं कर देता।

आपको बता दें कि करीब तीन महीने पहले लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के चार अन्य सांसदों के समर्थन से पारस ने दिवंगत रामविलास पासवान के पुत्र और अपने भतीजे चिराग पासवान के खिलाफ सफल विद्रोह किया था और वह लोकसभा में पार्टी के नेता और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चुने गए थे। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के चार अन्य सांसदों के समर्थन से पारस लोकसभा में पार्टी के नेता और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चुने गए थे। तभी से दोनों के बीच पार्टी के नाम और सिंबल को लेकर विवाद चल रहा है।