नई दिल्ली. बिहार में भी कोरोना के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। कई राज्यों ने कोरोना से निपटने के लिए नाइट कर्फ्यू का ऐलान किया है। कहा तो ये भी जा रहा है कि महाराष्ट्र जैसे राज्य कई शहरों में पूर्ण लॉकडाउन का ऐलान भी कर सकते हैं। कोरोना से बिहार में बिगड़ते हालातों के बीच इंडिया टीवी ने अपने डिजिटल स्वास्थ्य सम्मेलन में बातचीत की राज्य के स्वास्थ्य मंत्री से सवाल किए। लॉकडाउन के सवाल पर मंगल पांडेय ने कहा कि कल तक के आंकड़े के अनुसार 12 हजार एक्टिव मामले राज्य में पहुंच गए थे, पिछली बार जब पीक पर था तो एक्टिव मामलों की संख्या 35 हजार तक पहुंच गए थे, ऐसे में लॉकडाउन के बारे में फिलहाल सोचने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि पिछली बार हमारे पास लड़ाई लड़ने के लिए संसाधनों का अभाव था लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। बिहार में कम से कम ऐसी स्थिति नहीं है कि यहां लॉकडाउन की फिलहाल जरूरत पड़े। हां, जिन जगहों पर मरीज मिल रहे हैं उन जगहों को बेहतर तरीके से सील करके उसका माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने पर काम हो रहा है।
उन्होंने कोरोना वैक्सीनेशन के सवाल पर कहा कि अभी तक की व्यवस्था में भारत सरकार की तरफ से वैक्सीन की सप्लाई की जा रही है, दोनों तरह के वैक्सीन की सप्लाई हो रही है जिसे यूज किया जा रहा है, भारत सरकार ने टीकाकरण को लेकर जो नीति बनाई है वह नीति उचित है, पूरे देश को ध्यान में रखकर यह लड़ाई लड़ने होगी, अलग-अलग राज्य अगर अलग-अलग नीतियां बनाकर इस लड़ाई को लड़ेंगे तो लड़ने में कठिनाई आ सकती है। पिछला अनुभव भी यही कहता है कि एक व्यवस्था बनाकर लड़ाई लड़ी गई और सफलता पाई गई।
बिहार में अचानक कोरोना मामले बढ़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र से बिहार वापस लौटने वाले लोगों में की वजह से स्प्रेड बढ़ रहा है। देशभर में जितने मामले हैं उसका लगभग 50 प्रतिशत महाराष्ट्र में है। जब वहां से हमारे लोग वापस आ रहे हैं तो उनके स्वास्थ्य की चिंता और उनके परिवार के स्वास्थ्य की चिंता करनी है, सभी की जांच हो रही है ताकि जब वे घर पहुंचे तो स्वस्थ होकर पहुंचे ताकि किसी को वहां पर संक्रमण न फैले, हमने रेलवे स्टेशनों पर एंटीजन टेस्ट को बढ़ाया है। 400 में लगभग 44 लोग पॉजिटिव मिले हैं टेस्टिंग में, उनको तुरंत आइसोलेट शुरू कर देते हैं और उनका उपचार शुरू करते हैं।