पटनाः बिहार में शराबबंदी के बावजूद आए दिन जहरीली शराब पीने से होने वाली मौतों के बाद अब प्रदेश की नीतीश सरकार ने इसमें बदलाव के संकेत दिए हैं। बिहार की नीतीश सरकार ने शराबबंदी कानून में संशोधन की तैयारी कर ली है। इसे लेकर आज बिहार विधानसभा में शराबबंदी कानून संशोधन विधेयक 2022 पेश किया जाएगा। नए शराबबंदी कानून में शराबियों को बहुत राहत दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार
गौरतलब है कि बिहार में अप्रैल 2016 से शराबबंदी है। बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से प्रदेश की विभिन्न अदालतों में शराब से संबंधित मामले लंबित हैं। भारी संख्या में लोग जेल में बंद हैं। जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगाई थी। इसलिए नीतीश सरकार शराबबंदी को लेकर अपनी फजीहत होते देख विभिन्न कोर्ट में लंबित शराब वाले मामलों के निपटारे व इनकी जल्द सुनवाई हो कराने के लिए शराबबंदी कानून संशोधन विधेयक 2022 लेकर आई है।
बिहार में शराबियों को मिली राहत
शराबबंदी कानून संशोधन विधेयक 2022 के अनुसार प्रदेश में पियक्कड़ों को बहुत छूट दी गई है। जिसके अनुसार पहली बार शराब पीकर पकड़े जाने पर मजिस्ट्रेट द्वारा केवल जुर्माना लगाकर छोड़ने का प्रावधान किया गया है। लेकिन जुर्माना नहीं देने कि स्थिति में आरोपी को एक महीने की जेल हो सकती है। वहीं अगर कोई व्यक्ति बार-बार शराब पीकर पकड़ा जाता है तो ऐसे स्थिति में उसपर नर न जुर्माना लगाया जाएगा न एक महीने की जेल होगी। बल्कि पकड़े गए व्यक्ति पर सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इस प्रकार के मामलों की सुनवाई के लिए एक साल तक का समय तय किया गया है। यानी ऐसे मामलों की सुनवाई एक साल के भीतर ही पूरी करनी होगी।
वहीं अब पुलिस को अधिकार होगा कि यदि वे भारी मात्रा में अवैध शराब पकड़ती है। तो पुलिस उस पकड़ी गई अवैध शराब का सैंपल रखकर बाकी बची शराब को नष्ट कर सके। पहले पुलिस को ऐसा करने के लिए कलेक्टर से अनुमति लेनी पड़ती थी। लेकिन अब पुलिस को अवैध शराब को नष्ट करने के लिए कलेक्टर की अनुमति की बाध्यता से मुक्त कर दिया गया है। बिहार सरकार शराबबंदी कानून संशोधन विधेयक 2022 में अवैध शराब को जब्त करने, उसकी तलाशी और अवैध शराब को नष्ट करने का निर्देश जारी करेगी।