सीता के विशाल मंदिर के साथ ही इस राज्य में बन रहा है दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक स्थल, जानें इसकी खासियत
पुनौरा में बनने वाले मंदिर के निर्माण को लेकर गुजरात से पहुंची इंजीनियर्स की टीम ने निरीक्षण का काम पूरा कर लिया है। इसमें उत्कृष्ट पत्थर का इस्तेमाल किया जाएगा।
पटना: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद सीता की जन्मभूमि सीतामढ़ी में भी एक भव्य मंदिर निर्माण की तैयारी की जा रही है। इसी साल सीता के मंदिर की नींव रखी जाएगी। वहीं पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया कैथवलिया (जानकी नगर) में दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर और सबसे बड़ा शिवलिंग बनाया जा रहा है। सबसे पहले बात करते हैं सीतामढ़ी में बनने वाले सीता के मंदिर की।
गुजरात से पहुंची इंजीनियर्स की टीम ने निरीक्षण किया
सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में मकराना पत्थर से बनने वाली दिव्य सीता उद्भव मंदिर की आधारशिला रखी जाएगी। इस संबंध में प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पुनौरा में बनने वाले मंदिर के निर्माण को लेकर गुजरात से पहुंची इंजीनियर्स की टीम ने निरीक्षण का काम पूरा कर लिया है। इसमें उत्कृष्ट पत्थर का इस्तेमाल किया जाएगा. मंदिर प्रारूप के अनुसार मंदिर का निर्माण 194x194 फीट की परिधि में होगा। मंदिर का निर्माण करवा रहे महावीर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल के अनुसार सीता कुंड के मध्य एक दिव्य सीता उद्भव मंदिर का निर्माण कराया जाएगा जिसकी लागत करीब 100 करोड़ तक हो सकती है।
पूर्वी चंपारण के केसरिया में सबसे बड़ा मंदिर
महावीर मंदिर न्यास समिति की तरफ से बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया कैथवलिया (जानकी नगर) में विश्व का सबसे बड़ा मंदिर और सबसे बड़ा शिवलिंग बनाया जा रहा है। इस विराट रामायण मंदिर में दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग स्थापित किया जाएगा। शिवलिंग की ऊंचाई के साथ गोलाई भी 33 फीट होगी। करीब 250 मीट्रिक टन वजन वाले शिवलिंग को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली की पहाड़ी ग्रेनाइट से तैयार किया जा रहा है। इसमें सबसे ऊपर शिव के पांच मुख होंगे और नीचे 1008 सहस्त्र लिंगम की नक्काशी होगी। मंदिर का उद्घाटन 2024 में होगा जिसके बाद दर्शन पूजन शुरू हो जाएंगे। तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली की पहाड़ी ग्रेनाइट को शिवलिंग बनाने के लिए 156 चक्के वाली गाड़ी से महाबलीपुरम लाया गया है। वहां से तराशने के बाद इसे पूरी तैयारी के साथ कैथवलिया लाया जाएगा.
विराट रामायण मंदिर के लिए मुस्लिम ने जमीन दान की
विराट रामायण मंदिर के लिए चंपारण के एक मुस्लिम शख्स ने ढाई करोड़ की लागत वाली 23 कट्ठा जमीन दान की है।अयोध्या से जनकपुर तक बन रहे जानकी पथ पर ही चंपारण का जानकीनगर है जहां विराट रामायण मंदिर बनाया जा रहा है। ऐसी मान्यता है कि प्रभु श्री राम की बारात जनकपुर से वापसी के दौरान मोतिहारी के इसी स्थान पर रुकी थी जहां दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर और दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग बनाया जा रहा है। मंदिर की ऊंचाई 270 फीट और लंबाई 180 फीट है जबकि चौड़ाई 540 फीट होगी, मंदिर के निर्माण में 500 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।
शिवलिंग को बिहार लाने में डेढ़ महीन लगेंगे
तमिलनाडु से बिहार तक शिवलिंग को लाने में डेढ़ महीने लगेंगे। जिस ट्रक पर इसे लाया जाएगा उसकी स्पीड 5 किलोमीटर प्रति घंटे होगी। सड़क धंस न जाए इसलिए चकिया से कैथवलिया तक 12 किलोमीटर विशेष तकनीक से सड़क और पुल पुलिया बनाई जाएगी। शिवलिंग इतना विशाल है कि इसे स्थापित करने के लिए पहले मंदिर में पाइलिंग का काम होगा, प्लिंथ तक आकर काम रोक दिया जाएगा। इसके बाद शिवलिंग की स्थापना होगी, तब छत का निर्माण शुरू होगा। 2023 में शिवलिंग स्थापित हो जाएगा लेकिन मंदिर का निर्माण 2024 तक पूरा होगा।