Lalu Prasad Yadav: बिहार के हाजीपुर की एक अदालत ने आरजेडी (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव को 2015 के राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के एक मामले में बुधवार को बरी कर दिया। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (हाजीपुर) स्मिता राज की अदालत ने जाति आधारित टिप्पणी करने के उक्त मामले में ठोस सबूतों के अभाव में लालू प्रसाद को सभी आरोपों से बरी कर दिया।
आरजेडी प्रमुख के वकील श्याम बाबू ने मीडिया से कहा कि जब अदालत ने अपना फैसला सुनाया, उस समय मेरे मुवक्किल अदालत कक्ष के अंदर मौजूद थे, लालू 10 मिनट तक अदालत कक्ष के अंदर रहे। उन्होंने कहा, "लालू यादव ने 16 जून को अदालत के समक्ष कहा था कि वह बेगुनाह हैं और उन्होंने किसी ऐसे शब्द का इस्तेमाल नहीं किया, जिससे किसी को ठेस पहुंचे।"
Image Source : PTIRJD senior leader Rabri Devi flags the Yuva Kranti Rath of party leaders Tejashwi Yadav and Tej Pratap to protest against price rise in Patna
'पिछड़ी जातियों और अगड़ी जातियों के बीच सीधी लड़ाई'
यह मामला राज्य में 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान यादव के चुनाव प्रचार से जुड़ा है। 27 सितंबर 2015 को राघोपुर से अपने अभियान की शुरुआत करते आरजेडी राजद प्रमुख ने कथित तौर पर विधानसभा चुनाव को पिछड़ी जातियों और अगड़ी जातियों के बीच सीधी लड़ाई के रूप में वर्णित किया था। उन्होंने यादवों और अन्य पिछड़ी जातियों को आरजेडी-गठबंधन के समर्थन में गोलबंद होने का आह्वान किया था।
गौरतलब है कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव हाल ही में अपना इलाज कराने के बाद दिल्ली से पटना लौटे हैं। जुलाई में लालू यादव पटना स्थित राबड़ी देवी के आवास में कमरे की सीढ़ी चढ़ते हुए जा रहे थे, तभी गिर गए थे और उनके कंधे में फैक्चर हो गया था। इसके बाद उन्हें पटना के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि, सेहत ज्यादा बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली एम्स रेफर किया गया। एयर एंबुलेंस से उन्हें दिल्ली एम्स ले जाया गया था।