लैंड फॉर जॉब केस में लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ीं, दिल्ली की अदालत ने तलब किया; 4 अक्टूबर को पेश होने को कहा
लैंड फॉर जॉब मामले में लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। दिल्ली की एक अदालत ने लालू, राबड़ी और तेजस्वी को तलब किया है। कोर्ट ने इन्हें 4 अक्टूबर को पेश होने को कहा है।
नई दिल्ली: लैंड फॉर जॉब केस में लालू परिवार को मुश्किलें बढ़ गई हैं। दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद, उनकी पत्नी एवं बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, और उनके बेटे तेजस्वी यादव को रेलवे में ‘नौकरी के बदले जमीन’ घोटाले से जुड़े मामले में तलब किया। राजद नेता तेजस्वी, राज्य के उप मुख्यमंत्री हैं।
कोर्ट ने 4 अक्टूबर को पेश होने को कहा
स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने इन सभी और अन्य आरोपियों के खिलाफ दाखिल आरोपपत्र का संज्ञान लिया, और कहा कि भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा सहित विभिन्न अपराधों को अंजाम दिया जाना साक्ष्य से प्रथम दृष्टया प्रदर्शित होता है। आरोपपत्र को आरोपियों की गिरफ्तारी के बगैर दाखिल किये जाने का उल्लेख करते हुए जज ने समन जारी कर उनसे चार अक्टूबर को उसके समक्ष पेश होने को कहा।
सीबीआई ने तीन जुलाई को आरोपपत्र दाखिल किया था
जज ने कहा, ‘‘आरोपपत्र व रिकॉर्ड में मौजूद दस्तावेजों और सामग्री का अवलोकन करने से प्रथम दृष्टया भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) के साथ धारा 420 (धोखाधड़ी) और 471 (दस्तावेजों की जालसाजी) तथा भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के संबद्ध प्रावधानों को पढ़े जाने से अपराध होने का पता चलता है। इसलिए, उक्त अपराधों का संज्ञान लिया जाता है।’’ सीबीआई ने हाल में अदालत को सूचित किया था कि पूर्व रेल मंत्री प्रसाद पर मुकदमा चलाने के लिए जरूरी मंजूरी सक्षम प्राधिकारों से मिल गई है। एजेंसी ने कथित घोटाले के सिलसिले में तीन जुलाई को आरोपपत्र दाखिल किया था। प्रसाद इस मामले में और चारा घोटाले के मामलों में जमानत पर हैं।
आरोप पत्र में पहली बार तेजस्वी यादव का नाम
इस मामले में सीबीआई द्वारा दायर किया गया दूसरा आरोपपत्र है, लेकिन पहली बार तेजस्वी यादव को आरोपी के तौर पर नामजद किया गया है। एजेंसी ने लालू, उनकी पत्नी और बेटे तेजस्वी के अलावा आरोपपत्र में 14 व्यक्तियों तथा संस्थानों को भी नामजद किया है। अधिकारियों के मुताबिक, यह मामला प्रसाद के रेल मंत्री(2004-2009) रहने के दौरान रेलवे के पश्चिम जोन में ‘ग्रुप-डी’ के पदों पर नियुक्ति से संबंधित है और आरोप है कि नौकरी के बदले राजद प्रमुख के परिवार के सदस्यों या सहयोगियों के नाम पर ज़मीन ली गई थी। सीबीआई ने पहला आरोपपत्र पिछले साल अक्टूबर में लालू, राबड़ी और अन्य के खिलाफ दाखिल किया था। (इनपुट-भाषा)