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बिहार में एनडीए को झटका, लालू की पार्टी में शामिल हुए सांसद महबूब अली कैसर

महबूब अली कैसर चिराग पासवान से मिले थे और खगड़िया लोकसभा सीट से टिकट चाह रहे थे, लेकिन ऐसा नहीं होने पर उन्होंने पाला बदल लिया है और अब राष्ट्रीय लोक दल में शामिल हो गए हैं।

Choudhary Mehboob Ali Kaiser- India TV Hindi Image Source : X/CHOUDHARY MEHBOOB ALI KAISER खगड़िया सांसद चौधरी महबूब अली कैसर

राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद महबूब अली कैसर आरजेडी में शामिल हो गए हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने उन्हें आरजेडी की सदस्यता दिलाई। राष्ट्रीय लोक दल के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने पहले ही इसकी जानकारी दे दी थी। महबूब ने कुछ दिन पहले ही पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जदनशक्ति पार्टी से इस्तीफा दिया था। इसके बाद वह चिराग पासवान से मिले थे और उनके चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन उन्होंने अब पाला बदलकर आरजेडी की सदस्या ग्रहण कर ली है।

चौधरी महबूब अली कैसर राष्ट्रीय लोकजनशक्ति पार्टी का हिस्सा थे। रामविलास पासवान की यह पार्टी उनके निधन के बाद 2021 में टूट गई। रामविलास के छोटे भाई पशुपति पासर ने राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी बनाई और पार्टी का दूसरी हिस्सा रामविलास के बेटे चिराग के पास गया, जिन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का गठन किया। 2021 में महबूल अली कैसर पशुपति पारस के गुट में थे और नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली एनडीए सरकार का समर्थन किया।

2024 में बदले हालात

2024 लोकसभा चुनाव से पहले टिकट का बंटवारा हुआ तो बीजेपी ने चिराग पासवान के गुट वाले दल को सभी सीटें दे दीं। पशुपति के गुट को कोई सीट नहीं मिली तो महबूब अली ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और चिराग पासवान से बात कर खगड़िया से टिकट तलाशने लगे। चिराग ने इस सीट पर राजेश वर्मा को टिकट दे दिया तो अब महबूब ने आएलडी में शामिल होने का फैसला किया। महबूब के बेटे युसुफ सलाउद्दीन पहले से ही आरजेडी का हिस्सा हैं। हालांकि, कैसर को खगड़िया से टिकट मिलने की संभावना अभी भी नहीं है, क्योंकि आरजेडी ने यह सीट अपने सहयोगी दल सीपीएम को दी है और सीपीएम ने संजय कुमार को यहां से टिकट दिया है।

एनडीए की बढ़ेंगी मुश्किलें

खगड़िया के मौजूदा सांसद चुनाव नहीं लड़ रहे हैं और वह सीपीएम उम्मीदवार के समर्थन में प्रचार कर सकते हैं। इसके अलावा एनडीए गठबंधन के वोट छिटककर विपक्षी गठबंध के खाते में जा सकते हैं। इस स्थिति में राजेश वर्मा के लिए चुनाव जीतना मुश्किल हो सकता है। खगड़िया में सीपीएम और संजय कुमार का अपना वोट बैंक भी है।

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