बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने कोरोना वायरस को लेकर कहा- बाहर से जो प्रवासी आ रहे हैं वह बड़ी चुनौती
बिहार में कोरोना वायरस से कैसे लड़ा जा रहा है इसपर बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने इंडिया टीवी से बात करते हुए बताया कि बिहार में सबसे बड़ी चुनौती लोगों को कोरोना के बारे में बताकर एजुकेट करना है, यह बीमारी किसी को नहीं पहचानती और किसी को भी हो सकती है।
पटना: बिहार में कोरोना वायरस से कैसे लड़ा जा रहा है इसपर बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने इंडिया टीवी से बात करते हुए बताया कि बिहार में सबसे बड़ी चुनौती लोगों को कोरोना के बारे में बताकर एजुकेट करना है, यह बीमारी किसी को नहीं पहचानती और किसी को भी हो सकती है। बिहार में इस वायरस के 2737 केस अबतक दर्ज हुए है। राज्य में इस संक्रमण के कारण 15 लोगों की मौत भी हो चुकी है।
उन्होनें इस संक्रमण पर कहा कि आम जनता तक इस बात को पहुंचाने के लिए बिहार सरकार ने अपने सारे माध्यमों का इस्तेमाल किया और आम आदमी को इसके बारे में समझाने में कामयाब रहे कि यह सही में संक्रामक बीमारी है, बिना कोई लाठी चलाए और जोर जबरदस्ती किए लोगों ने बात मानी है। हालांकि कहीं-कहीं कोरोना वारियर्स पर हमले जरूर हुए लेकिन समय के साथ लोग समझे और इस चुनौती पर काबू पाया गया है।
गुप्तेश्वर पांडे ने बताया कि हमारे जो मजदूर आ रहे हैं बाहर से वह बड़ी चुनौती है। चौथे लॉकडाउन में लोगों का मूवमेंट बढ़ा है और लोगों की संख्या सड़कों पर बढ़ी है। चुनौतियां मजदूरों के चलते और लॉकडाउन में ढील के चलते जरूर बड़ी हैं। हम मजदूरों को पहले भी बुलाना चाहते थे लेकिन उस समय नियम बाधा थे, और जब नियम बदले तो बिहार सरकार ने रास्ते खोले है। उन्होनें कहा कि मजदूर बिहार की आन बान शान है और बिहार की चमक उनसे है। इस देश के श्रमिक इस देश की धड़कन हैं।
बिहार डीजीपी ने कहा कि मजदूर जहां आकर उतर रहे हैं वहीं उनकी स्क्रीनिंग की व्यवस्था है। फिर उनकी क्वारंटीन की व्यवस्था ब्लॉक स्तर पर है। पंचायत स्तर पर उनके खाने पीने की व्यवस्था की गई है। उन्होनें बताया कि ब्लॉक में स्क्रीनिंग करके उन्हें क्वारंटीन किया जाता है। फिर 14 दिन बाद उनके घर आने जाने का भाड़ा और 500 रुपए अतिरिक्त सरकार दे रही है। यह प्रयोग बिहार सरकार की तरफ से किया गया है।
उन्होनें बताया कि बिहार 12 करोड़ की आबादी वाला प्रदेश है। यहां 8000 से ज्यादा पंचायते हैं और हर ब्लॉक और पंचायत में क्वारंटीन केंद्र है। यह संख्या कितनी बड़ी है उसी से अंदाजा लगाया जा सकता है। इतनी भारी संख्या में अगर क्वारंटीन केंद्र चल रहे हैं तो हम दावा नहीं करते कि व्यवस्ता में कमी न हो। उन्होनें बताया कि कहीं गड़बड़ी हो सकती है, कहीं जानबूझ कर शिकायत दर्ज की जा रही है। एक जगह एक व्यक्ति ने खाने में जानबूझकर कीड़ा डाला और सोशल मीडिया में उसे फैलाया, अब उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
गुप्तेश्वर पांडे ने बताया कि मुख्यमंत्री खुद एक-एक क्वारंटीन केंद्र में लोगों से बात कर रहे हैं और उनकी शिकायतें भी सुन रहे हैं। अधिकारियों से व्यवस्था की पूछ ले रहे हैं। उन्होनें कहा कि बिहार में 12 करोड़ आबादी पर 1 लाख पुलिस सिपाही हैं। ऐसे में जनता की भी जवाबदेही बनती है कि लॉकडाउन के नियमों और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना चाहिए।
बिहार डीजीपी ने कहा कि क्वारंटीन केंद्र से लोग भागे हैं लेकिन वह भागकर जाएंगे कहां, गांव में जाते हैं तो गांव वाले उनको खदेड़ देते हैं। अपने घर वाले तक उन लोगों को घरों में नहीं घुसने दे रहे। उन्होनें कहा कि जो भागने की कोशिश किए हैं उन्हें गावं वालों ने क्वारंटीन केंद्र में डाला गया है। उन्होनें कहा कि हेट पोस्ट को लेकर हमने बिहार में 200 लोगों को अबतक गिरफ्तार किया है और अब कोई हिम्मत नहीं करता है। इस संबंध में नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है।