तीन तलाक कानून को आए एक अरसा बीत चुका है। लेकिन इससे जुड़े मामले आज भी सुनाई देते हैं। ताजा मामला बिहार के मुजफ्फरपुर का है जहां एक महिला को तीन तलाक दे दिया गया। दरअसल, बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक महिला को तीन तलाक दे दिया गया और अब ससुराल वाले उस पर अपने पूर्व पति से दोबारा शादी करने और घर में रहने के लिए अपने देवर के साथ 'निकाह हलाला' कराने का दबाव बना रहे हैं।
'निकाह हलाला', जिसे 'तहलील' विवाह के रूप में भी जाना जाता है, एक ऐसी प्रथा है जिसमें एक महिला, तीन तलाक से तलाक लेने के बाद, दूसरे पुरुष से शादी करती है और अपने पूर्व पति से दोबारा शादी करने में सक्षम होने के लिए फिर से तलाक लेती है।
महिला ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया
घटना का खुलासा तब हुआ जब महिला ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और मानवाधिकार आयोग को एक पत्र लिखा। मानवाधिकार आयोग की एक टीम ने मुजफ्फरपुर में उनके घर का दौरा किया और उन्हें न्याय का आश्वासन दिया।
पीड़िता की शादी पांच साल पहले जिले के सकरा थाना अंतर्गत आने वाले गांव के एक व्यक्ति से हुई थी और उसका एक बच्चा भी है। उसका पति उसके पिता से दहेज के रूप में 10 लाख रुपये नकद और 5 तोला सोना (50 ग्राम) लाने का दबाव बना रहा था।
पंचायत सदस्यों के सामने दिया तीन तलाक
इससे डेढ़ साल पहले सकरा गांव में एक पंचायत में उसके पति ने सरपंच (मुखिया) और अन्य पंचायत सदस्यों के सामने उसे तीन तलाक दे दिया था। तभी से पीड़िता अपने पति से बातचीत कर रही थी कि कम से कम उसे अपने घर में ही रहने दिया जाए। उसके पति और ससुराल वालों ने उसे पहले अपने साले के साथ हलाला करने के लिए कहा और फिर वह उसके साथ पुनर्विवाह के लिए तैयार होगा। पीड़िता ने मना कर दिया और मामले के बारे में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को लिखा।