A
Hindi News बिहार 'मेरी मूर्खता से ये सीएम बना, कोई ज्ञान है इसको', जीतन राम मांझी पर भड़के नीतीश

'मेरी मूर्खता से ये सीएम बना, कोई ज्ञान है इसको', जीतन राम मांझी पर भड़के नीतीश

ऐसा लगता है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आजकल कुछ अलग ही सुरूर चढ़ा हुआ है। जनसंख्या नियंत्रण पर उनके बयान को लेकर विवाद अभी थमा भी नहीं था कि अब वे विधानसभा में जीतन राम मांझी पर बिफर पड़े।

नीतीश कुमार और जीतन...- India TV Hindi Image Source : फाइल नीतीश कुमार और जीतन राम मांझी

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर सदन में अपना आपा खो बैठे और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी पर भड़क गए। आरक्षण संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान जीतन राम मांझी जब अपनी बात रख रहे थे उसी दौरान नीतीश ने गुस्से में आकर यह बात कही। दरअसल, जीतनराम मांझी ने कहा कि इस गणना पर हमको विश्वास नहीं है, ठीक से हुआ ही नहीं है। 10 साल में इसकी समीक्षा की बात कही गयी थी, क्या बिहार सरकार ने कभी इसकी समीक्षा की है? अब तक 16 प्रतिशत आरक्षण  होना चाहिए था लेकिनअभी तक सिर्फ 3 प्रतिशत है। मांझी ने कहा कि आरक्षण बढ़ा दिए ठीक है, लेकिन धरातल पर क्या है।

'....गवर्नर बनना चाहता है'

इसके बाद नीतीश कुमार गुस्से से तमतमा उठे और फिर कहने लगे- 'मेरी मूर्खता से सीएम बना ये.. कोई ज्ञान है इसको'। नीतीश ने फिर गुस्से में जीतनराम मांझी की तरफ देखकर कहा-ये गवर्नर बनना चाहता है, पहले भी आपलोगों के पीछे घूमता था, बनवा दीजिये गवर्नर। इस बीच मंत्री संजय झा और विजय चौधरी नीतीश कुमार को रोकने की कोशिश करते दिखे, लेकिन  नीतीश गुस्से का गुस्सा थम नहीं रहा था और वे बोले जा रहे थे। इन लोगों के साथ रहो और एक्सपोज्ड हो जाओ।

आरक्षण संशोधन बिल सर्वसम्मति से पारित

इस पूरे विवाद और हंगामे के बीच विधानसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले बिहार विधानसभा ने अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) एवं अति पिछड़ा वर्गों (ईबीसी) एवं अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) के लिए आरक्षण की मौजूदा सीमा 50 फीसदी को बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने के प्रस्ताव को आज  मंजूरी दे दी। शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में इन वर्गों के आरक्षण को बढ़ाने के प्रस्ताव वाले विधेयकों को विधानसभा ने ध्वनि मत के जरिए सर्वसम्मति से पारित कर दिया। विधेयक के अनुसार, एसटी के लिए मौजूदा आरक्षण दोगुना कर किया जाएगा जबकि एससी के लिए इसे 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 फीसदी किया जाएगा। वहीं, ईबीसी के लिए आरक्षण 18 फीसदी से बढ़ाकर 25 प्रतिशत तो ओबीसी के लिए आरक्षण को 12 फीसदी से बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया जाएगा।