बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तान अवान मोर्चा (HAM) के नेता जीतन राम मांझी ने बयान जारी किया है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, जहां तक विभागों की बात है, मैं कहता रहा हूं कि चूंकि मैं ग्रामीण इलाके से हूं और शहरों से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। लोग मुझसे उम्मीद करते हैं कि मैं सड़कें, पुल और घर बनवाऊंगा। काम तो हुआ है लेकिन अगर वह विभाग हमें मिल जाए तो बहुत कुछ किया जा सकता है। इसलिए मैं कहता हूं कि एससी और एसटी कल्याण विभाग ठीक है लेकिन अगर हम इसे देखते रहे एक ही विभाग, यह सही नहीं लगता है।
जीतन राम मांझी को चाहिए दूसरा मंत्रालय
उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि क्या राजनेता जानबूझकर हमारी उपेक्षा करना चाहते हैं। लेकिन कोई मतभेद नहीं है। हम एनडीए के साथ हैं और फ्लोर टेस्ट में इसका समर्थन करते हैं। लेकिन एक परिवार के रूप में हम यही महसूस करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमारी पार्टी के 5 विधायक हैं। इसलिए हमें एक नहीं बल्कि दो मंत्री पद दिए जाएं तो बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि हम आज भी गांव से आ रहे हैं। मेरा शहर से कोई मतलब नहीं है। हमारी पार्टी को 8 साल हो गया और मेरे कार्यकाल का 43 साल हो गया। ऐसे में लोगों की हमसे अपेक्षाएं हैं कि चापा कल, सड़क, घर इत्यादि बनवाएं।
जीतन राम मांझी की अपील
उन्होंने कहा कि काम हुआ है। लेकिन अगर मंत्रालय हमें मिल जाए तो और काम हो जाएगा। सब दिन अगर हम एससी-एसटी या यूं कहें एक ही विभाग को देखते रहे तो ये अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे नेता हैं उनकी मर्जी हैं। हमें वो ये मंत्रालय दिए हैं। लेकिन गार्जियन से दुखड़ा बताना हमारा फर्ज बनता है। किसी दूसरे का छीनकर विभाग हमें दिया जाता तो अच्छा लगता। लेकिन हमारे ही समाज के एक नेता से विभाग छीनकर हमें दिया गया। ऐसे में मन में यह बाते आती हैं कि क्या हमारे नेता हमारे समाज को नजरअंदाज करने का प्रयास कर रहे हैं। 12 फरवरी को जो फ्लोर टेस्ट होगा। उसमें हम एनडीए के साथ हैं। लेकिन एक परिवार के नाते मेरे दिल में जो बात आ रही है वह मैं कह रहा हूं।