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Hindi News बिहार बिहार पर दोहरी आफत, एक तरफ नेपाल का पानी तो दूसरी तरफ भारी बारिश का अलर्ट; 13 जिलों में बाढ़ का खतरा

बिहार पर दोहरी आफत, एक तरफ नेपाल का पानी तो दूसरी तरफ भारी बारिश का अलर्ट; 13 जिलों में बाढ़ का खतरा

बिहार के 13 जिलों में बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है। एक तरफ नेपाल की ओर से बारिश का पानी छोड़ दिया गया है तो वहीं मौसम विभाग ने भी भारी बारिश की आशंका जताई है।

बिहार के 13 जिलों में बाढ़ का खतरा।- India TV Hindi Image Source : PTI/FILE बिहार के 13 जिलों में बाढ़ का खतरा।

पटना: नेपाल में बारिश की वजह से 112 लोगों की मौत हो गई है। इस बीच वाल्मीकिनगर और बीरपुर बैराजों से पानी छोड़ दिया गया है। ऐसे में बिहार सरकार ने शनिवार को राज्य के उत्तरी और मध्य भागों में कोसी, गंडक और गंगा जैसी उफनती नदियों के किनारे बाढ़ की चेतावनी जारी की है। राज्य जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) ने एक बयान में कहा, ‘‘नेपाल में भारी बारिश के कारण, गंडक, कोसी, महानंदा आदि नदियों में पानी का बहाव शनिवार को काफी बढ़ गया है।’’ इससे 13 जिलों के 16.28 लाख से अधिक लोगों की स्थिति और खराब हो सकती है, जो पहले से ही भारी बारिश के बाद बाढ़ से प्रभावित हैं। 

वाल्मीकिनगर और बीरपुर बैराज से छोड़ा गया पानी 

राज्य जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने बताया कि कोसी नदी पर बने बीरपुर बैराज से शाम 7 बजे तक कुल 5.79 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो 56 साल में सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि तटबंधों की सुरक्षा के लिए सभी सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित किए जा रहे हैं। पिछली बार इस बैराज से सबसे अधिक 7.88 लाख क्यूसेक पानी 1968 में छोड़ा गया था। इसी तरह वाल्मीकिनगर बैराज से शाम 7 बजे तक 5.38 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। 2003 में छोड़े गए 6.39 लाख क्यूसेक के बाद यह इस बैराज से छोड़ा गया सबसे अधिक पानी है। उन्होंने कहा कि एहतियात के तौर पर कोसी बैराज के पास यातायात रोक दिया गया है। 

तटबंधों की 24 घंटे हो रही निगरानी 

अधिकारी ने बताया कि जल संसाधन विभाग की टीम तटबंधों की 24 घंटे निगरानी कर रही हैं, ताकि कटाव या खतरे का पता चलते ही तुरंत कार्रवाई की जा सके। विभाग के तीन अधीक्षण अभियंता, 17 कार्यकारी अभियंता, 25 सहायक अभियंता और 45 कनिष्ठ अभियंता 24 घंटे काम कर रहे हैं और वे सतर्क हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दो-तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के बाद राज्य भर में गंडक, कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान और महानंदा तथा गंगा नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। 

इन जिलों में नदियों का बढ़ा जलस्तर

वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ‘‘नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण सीमावर्ती जिलों में कई स्थानों पर नदियां खतरे के निशान को छू रही हैं या उससे ऊपर बह रही हैं।’’ उन्होंने बताया कि नेपाल ने शनिवार शाम 7 बजे तक गंडक बैराज में 5.40 लाख क्यूसेक पानी और कोसी बैराज में 4.99 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा। अधिकारियों ने बताया कि इन दो बैराजों से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद नदी का अतिरिक्त पानी पश्चिमी और पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, अररिया, सुपौल, कटिहार, पूर्णिया और कई अन्य जिलों के निचले इलाकों में प्रवेश कर गया है। 

मौसम विभाग ने भी दी चेतावनी

इसके अलावा बिहार के कई जिलों के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है, क्योंकि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है। वहीं मौसम विभाग ने राज्य के कुछ हिस्सों में अचानक बाढ़ के खतरे की चेतावनी भी दी है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने जिलों के प्रशासन को सतर्क रहने और पूर्वानुमान के मद्देनजर निवारक उपाय करने को कहा है। 

13 जिलों में बाढ़ जैसे हालात

अधिकारियों ने बताया कि बक्सर, भोजपुर, सारण, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय, मुंगेर और भागलपुर समेत गंगा के किनारे बसे करीब 13 जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति है और मूसलाधार बारिश के बाद नदियों का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में रहने वाले करीब 13.5 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। उन्होंने बताया कि प्रभावित जिलों से बड़ी संख्या में लोगों को निकालकर राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। राज्य के विभिन्न इलाकों में शनिवार सुबह 8.30 बजे तक 780.3 मिमी बारिश हुई। (इनपुट- एजेंसी)

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