पटना: बिहार के 16 जिलों की करीब 82 लाख आबादी बाढ़ से परेशान है और 25 लोगों की मौत हो चुकी है। परेशान लोगों के पास न रहने के लिए घर बचा है न खाने का सामान बचा है। दरभंगा के रिहाईशी इलाकों में तीन नदियों -कोसी, गंडक और कमला का पानी घुस गया है। बिहार के 16 जिलों सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चंपारण, खगडिया, सारण, समस्तीपुर, सिवान, मधुबनी, मधेपुरा एवं सहरसा बाढ़ से प्रभावित हैं।
राज्य के 130 प्रखंडों की 1317 पंचायतों में करीब 82 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। बाढ के कारण विस्थापित लोगों को भोजन कराने के लिए 478 सामुदायिक रसोई की व्यवस्था की गयी है। दरभंगा जिला में सबसे अधिक 15 प्रखंडों की 227 पंचायतों की 20 लाख से अधिक की आबादी बाढ से प्रभावित हुई है।
बिहार में बाढ़ की एक बड़ी वजह नेपाल से आने वाला पानी भी है। बिहार के सात जिले, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज नेपाल से सटे हैं। यहां जैसे ही भारी बारिश होती है वहां की नदियों का पानी बिहार में आने लगता है। नेपाल की सात बड़ी नदियां कोसी में मिलती है। गंगा में मिलने से पहले कोसी बिहार की कई प्रमुख नदियों को अपने से समेट लेती है।
बिहार के बाढ प्रभावित इन जिलों में बचाव और राहत कार्य चलाए जाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 27 टीमों की तैनाती की गयी है। जल संसाधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बागमती, बूढी गंडक ,गंगा और घाघरा नदी कई जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
बिहार में बाढ से अबतक कुल 25 लोगों की मौत हो चुकी है। दरभंगा जिले में सबसे अधिक ग्यारह लोगों, मुजफ्फरपुर में छह, पश्चिम चंपारण में चार तथा सारण एवं सिवान में दो-दो लोगों की मौत हो गयी। बाढ से 81 मवेशियों की जान जा चुकी है।