पटना: जिस यास तूफान को लेकर ममता सरकार और मोदी सरकार के बीच राजनीति हो रही है, उसी यास तूफान ने बिहार में एक अलग ही मुसीबत पैदा कर रखी है। इस तूफान की वजह से बिहार के कई इलाकों में दो दिन से बारिश हो रही है। इसका असर ये हुआ कि बिहार के शहर पानी-पानी हो चुके हैं, चाहे डीएम ऑफिस हो या फिर हॉस्पिटल सब जगह पानी भर गया है। ऐसी हीं एक तस्वीर आई है हाजीपुर से जहां के सदर हॉस्पिटल के वॉर्ड के अंदर पानी भर गया है। बेड पानी में डूबे हैं और मरीज किसी तरह उनके ऊपर बैठकर खुद को बचा रहे हैं।
हाजीपुर का सदर अस्पताल काफी बड़ा है। काफी ज्यादा तादाद में यहां दवाइयां रखीं हुईं थीं वो सब खराब हो गई। दवाइयों का कार्टन बर्बाद हो गए। यही नहीं एक्सरे रूम हो या फिर कम्प्यूटर रूम सब जगह पानी भर गया। मौसम अब भी खराब बना हुआ है। धूप निकलने के आसार नहीं है। ज़ाहिर है पानी निकलने में काफी वक्त लगेगा और जब तक पानी निकलेगा तब तक वो काफी नुकसान कर चुका होगा।
बता दें कि राज्य के पटना सहित कई इलाकों में पिछले 24 घंटे से रूक-रूककर हो रही बारिश के कारण कई इलाकों में जलजमाव की समस्या हो गयी है। कई इलाकों में तो लोगों के घरों में पानी घुस गया है। राजधानी के कंकड़बाग, दानापुर के कई इलाकों, राजीवनगर, लालजी टोला, गर्दनीबाग सहित कई इलाकों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। कई गलियों और मुहल्लों में घुटने तक पानी भर चुका है। लोगों को घरों से निकलने में काफी परेशानी हो रही है, वहीं कई निचले इलाकों में घरों में भी पानी चला गया है।
पटना के जयप्रभा हॉस्पिटल में भी जलजमाव हो गया है, जिससे मरीजों को परेशानी का सामाना करना पड़ रहा है। कुछ ऐसा हीं हाल कटिहार के सदर हॉस्पिटल का भी है। हॉस्पिटल का वॉर्ड हो, गलियारा हो, डॉक्टर या नर्सेज का रूम हो हर जगह पानी ही पानी है। मरीज और उनके रिश्तेदार किसी तरह खुद को बेड पर बैठकर बचाए हुए हैं। पानी इतना ज्यादा है कि साफ-सफाई में लगे स्टाफ ने भी हाथ खड़े कर दिए कि इसे बाहर निकालना उनके बस में नहीं है। हॉस्पिटल स्टाफ का भी कहना है कि हालात इतने बुरे हैं कि गंदगी की वजह से कहीं कोई दूसरी मुसीबत ना आ जाए।
गया के मगध मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस वॉर्ड में भी पानी भर गया है। बिहार में ब्लैक फंगस के बढ़ते केसेज की वजह से ये नया वॉर्ड बनाया गया था। ब्लैक फंगस वॉर्ड में पानी भरना इसलिए भी खतरनाक है क्योंकि इस बीमारी की एक बड़ी वजह गंदगी और नमी होना है। यानी जिस जगह नमी होगी वहां ब्लैक फंगस होने का खतरा ज्यादा है और बारिश ने ब्लैक फंगस वॉर्ड को ही नहीं बल्कि पूरे अस्पताल को पानी-पानी कर दिया है। यानी जो ब्लैक फंगस वॉर्ड लोगों के इलाज के लिए बनाया गया था उसकी हालत अब ब्लैक फंगस को न्योता देने वाले वॉर्ड की हो गई है।
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