पटना: बिहार में साइबर ठगों ने लाखों बिजली उपभोक्ताओं का पर्सनल डेटा उड़ा दिया है। ऐसा करके ठगों ने बिजली विभाग में डेटा सुरक्षा में लापरवाही की पोल खोल दी है। इसकी जानकारी मिलने के बाद बिहार आर्थिक अपराध इकाई ने मामले को गंभीरता से लिया है और जांच के आदेश दे दिए हैं।
बिजली उपभोक्ताओं से कैसे हो रही ठगी?
बिजली उपभोक्ताओं का डेटा हासिल कर साइबर अपराधी उन्हें बिल जमा करने के लिए मैसेज भेज रहे हैं। मैसेज के जरिए उपभोक्ताओं को डरा रहे हैं कि अगर बिल जमा नहीं करेंगे तो रात में लाइट काट दी जाएगी। इसके बाद लिंक भेजकर ठगी कर रहे हैं। विभाग का कहना है कि बिजली उपभोक्ताओं को साइबर ठगों के मैसेज और फोन लगातार आ रहे हैं। बिजली विभाग का कहना है कि इस मामले को लेकर विभाग काफी गंभीर है।
उपभोक्ताओं को किया जा रहा जागरूक
एक तरफ इस मामले में आर्थिक अपराध इकाई जांच-पड़ताल कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ इस ठगी से निपटने के लिए उपभोक्ताओं को भी जागरूक किया जा रहा है। वहीं बिजली उपभोक्ताओं के डेटा को पूरी तरह सुरक्षित रखने पर भी काम हो रहा है। सुरक्षा व उपभोक्ताओं के बचाव को लेकर नया सिस्टम तैयार करने पर भी मंथन किया जा रहा है।
बिजली विभाग की उपभोक्ताओं से अलील-
- - साइबर क्राइम का शिकार होने पर तुरंत केस दर्ज कराएं
- - किसी संदिग्ध ऐप या लिंक से ना करें भुगतान
- - बिहार बिजली स्मार्ट मीटर ऐप से करें भुगतान
- - सुविधा ऐप एवं वेबसाइट का उपयोग भी सुरक्षित है
साइबर ठगी पर उठ रहे सवाल
साइबर ठगों के सक्रिय होने के बाद उपभोक्ताओं के सुरक्षा को लेकर बिजली विभाग कई कदम उठा रहा है, लेकिन सवाल यह है कि बिना किसी बीच की कड़ी के साइबर ठगों को उपभोक्ताओं का नंबर कैसे मिल रहा है? ठगों को कैसे पता चल रहा है कि कौन सा नंबर रजिस्टर्ड है?