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Hindi News बिहार प्रवासी मजदूरों से बिहार में Coronavirus संक्रमण का खतरा बढ़ा, 14,245 लोग ट्रेन से पहुंचे

प्रवासी मजदूरों से बिहार में Coronavirus संक्रमण का खतरा बढ़ा, 14,245 लोग ट्रेन से पहुंचे

बिहार में प्रवासी मजदूरों के आगमन के साथ कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया है। आज 12 ट्रेन से 14,245 प्रवासी दूसरे राज्यों से बिहार पहुंच चुके हैं। कल 14 ट्रेन से 17,054 प्रवासी मजदूर आएंगे। राज्य में अब तक कुल 96 प्रवासी मजदूर संक्रमित मिल चुके हैं।

प्रवासी मजदूरों से बिहार में Coronavirus संक्रमण का खतरा बढ़ा, आज 14,245 लोग ट्रेन से पहुंचे- India TV Hindi Image Source : PTI प्रवासी मजदूरों से बिहार में Coronavirus संक्रमण का खतरा बढ़ा, आज 14,245 लोग ट्रेन से पहुंचे

पटना: बिहार में प्रवासी मजदूरों के आगमन के साथ कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया है। आज 12 ट्रेन से 14,245 प्रवासी दूसरे राज्यों से बिहार पहुंच चुके हैं। कल 14 ट्रेन से 17,054 प्रवासी मजदूर आएंगे। राज्य में अब तक कुल 96 प्रवासी मजदूर संक्रमित मिल चुके हैं। 

ट्रेन चलने के पहले से ही पैदल, साइकिल से या चोरी छिपे दूसरे तरीकों से बाहर से आ रहे मजदूरों से संक्रमण फैल रहा था। राज्य सरकार के मुताबिक 96 ऐसे संक्रमित प्रवासी मजदूर मिल चुके हैं जो लॉक डाउन के दौरान दूसरे राज्यों से पैदल या दूसरे तरीकों से आये हैं। मधुबनी में 9, रोहतास में 8, और पटना, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी और औरंगाबाद में 5-5 ऐसे मामले मिले हैं जो दूसरे राज्यों से लॉक डाउन के दौरान आये थे।

1 मई से ट्रेन शुरू होने के बाद भी प्रवासी मजदूर संक्रमित मिले हैं। बिहार में कल मिले 29 पॉजिटिव मामले में से 19 प्रवासी मजदूरों के हैं जो 3 दिन पहले बिहार लौटे हैं। समस्तीपुर के 6, दरभंगा के 4, खगड़िया के 4, सहरसा के 2, भागलपुर, बांका और पूर्वी चंपारण के 1-1 हैं। अब तक 70 ट्रेनों से करीब 82 हजार प्रवासी दूसरे राज्यों से आये हैं। आज भी 15 ट्रेनों से करीब 18 हजार प्रवासी आ रहे हैं।

ट्रेन से उतरने के बाद प्रवासियों को उनके उनके गृह जिलों में बसों से भेजकर फिर उनके प्रखंड में बने कोरेन्टीन सेंटर पर 21 दिन तक रहने के लिये भेज दिया जा रहा है। 21 दिन बाद उनके ट्रेन के टिकट के खर्च के अलावा 500 रुपया और दिया जाएगा। लेकिन कुछ मजदूर ट्रेन से उतरने के बाद चुपके से निकल भी जा रहे हैं। कल नेशनल हाइवे पर इटारसी से ट्रेन से दानापुर स्टेशन पहुंचने के बाद दानापुर से पैदल हाजीपुर जा रहे एक मजदूर ने बताया कि 14 लोग दूसरे रास्ते से निकल गए। एक दूसरे मजदूर के हाथ पर ब्लॉक कोरेन्टीन का मुहर था लेकिन वो घर जा रहा था। ऐसे लोग काफी खतरनाक हो सकते हैं और सरकार की सभी कोशिशों पर पानी फेर सकते हैं।