'सुनोगे नहीं? हम तो सुनाएंगे', बिहार विधानसभा में विपक्ष पर फूट पड़ा सीएम नीतीश का गुस्सा
नीतीश कुमार आज बिहार विधानसभा में भड़क गए और बोले कि 2005 के बाद हमने महिलाओं को आगे बढ़ाया था। इसलिए वो आज इतना बोल पा रही हैं।
पटना: बिहार में आज जबरदस्त हलचल है। पटना में यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर आज पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। कानून व्यवस्था को लेकर बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस की और से विधानसभा मार्च निकाला जा रहा था। प्रदर्शनकारी बैरिकेडिंग हटाने की कोशिश करने लगे। जिसके बाद पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज कर दिया। दूसरी तरफ बिहार विधानसभा में आज विपक्ष पर नीतीश का गुस्सा फूट पड़ा।
क्या है पूरा मामला?
आरक्षण के मुद्दे पर महागठबंधन के नेताओं ने नीतीश सरकार की घेराबंदी की और बिहार सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। विपक्षी विधायक नए आरक्षण को 9वींअनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे थे। विपक्ष के हंगामे के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में विपक्ष के विधायकों पर भड़क गए। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि सारी पार्टियों को साथ लेकर मेरी पहल पर जातिगत गणना करवाई गई थी। आप लोग बैठ कर इस पर चर्चा नहीं करते ना ही सुनना चाहते हैं।'
इस दौरान नीतीश कुमार आरजेडी महिला विधायक रेखा पासवान पर भड़क गए। नीतीश कुमार ने कहा कि 2005 के बाद हमने महिलाओं को आगे बढ़ाया था। इसलिए वो आज इतना बोल पा रही हैं। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि आरक्षण को लेकर पटना हाईकोर्ट ने रोक लगाई है, लेकिन, राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। साथ ही नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए भी आग्रह किया है।
नीतीश कुमार ने क्या कहा?
नीतीश ने कहा, 'आप लोग जो ऐसे ही बोलते रहते हैं, ये लोग भूल जाते हैं कि हमने इसको कितना ज्यादा किस तरह से आप लोगों को भी कहकर करवाया था। ये मेरी इच्छा थी और सब लोग एग्री किए थे। सुनिए, चुप रहिए। अगर बैठ करके सुनते तो पता चलता कि सचमुच आप कुछ चाहते हैं। अरे आप सुनिए ना, आप सुन क्यों नहीं रहे हैं?'
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नीतीश ने कहा, 'आप जानते हैं कि ये काम हम लोगों ने करवाया और जब आप लोगों के साथ थे तो ये सब लोगों ने सपोर्ट किया और जब सब लोगों को सपोर्ट किया गया सर्वसम्मति से, अरे महिला हो कुछ जानती नहीं हो, अरे बोल रही हैं। कहां से आते, इन लोगों के साथ जो हैं, ये लोग कोई महिला को आगे बढ़ाया था? अरे हम 2005 के बाद महिला को आगे बढ़ाए। बोल रही हो फालतू।'
नीतीश ने कहा, 'इसलिए हम कह रहे हैं चुपचाप सुनो। अरे ऐसे ही बोल रहे हैं। अरे क्या हुआ, सुनोगे नहीं? हम तो सुनाएंगे, और अगर नहीं सुनिएगा, तो ये आपकी गलती है। तो आप समझ लीजिए। ये हम चाह रहे थे कि ये लोग समझते। एक-एक चीज को हमलोगों ने लागू कर दिया।'