पटना: राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव द्वारा चिराग पासवान को LJP का नेता बताए जाने पर चिराग ने राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष को धन्यवाद दिया और कहा कि लालू जी मेरे अभिभावक के समान है, उनका ये कहना मेरे लिये बड़ी बात है। तेजस्वी के साथ पर चिराग ने कहा कि अभी मेरा ध्यान आशीर्वाद यात्रा पर है। राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने मंगलवार को कहा कि पिछले दिनों लोक जनशक्ति पार्टी में जो कुछ भी हुआ है उसके बावजूद वह चिराग पासवान को ही एलजेपी का नेता मानते हैं। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि बिहार में वह तेजस्वी और चिराग पासवान को एक साथ गठबंधन में देखना चाहते हैं।
चिराग ने दिवंगत पिता रामविलास पासवान के साथ उनके सौहार्दपूर्ण संबंधों को याद किया परंतु वह आरजेडी के साथ गठबंधन को लेकर पूछे गए सवाल को टाल गए। चिराग ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान आरजेडी प्रमुख द्वारा उनका समर्थन किए जाने तथा आरजेडी और एलजेपी नेता के बीच गठबंधन की वकालत किए जाने को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘‘लालू जी के मेरे पिता और राजनीतिक गुरु रामविलास पासवान के साथ मधुर संबंध थे। मेरे नेतृत्व की तारीफ करने के लिए उनका धन्यवाद करता हूं लेकिन मेरी वर्तमान प्राथमिकता राज्यव्यापी आशीर्वाद यात्रा है।"
शरद यादव से भी की मुलाकात
लालू यादव ने मंगलवार को शरद यादव से भी मुलाकात की है और कहा है उन्होंने शरद यादव और मुलायम सिंह यादव के साथ कई मुद्दों को लेकर संसद में लड़ाई लड़ी है। मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान एलजेपी नेता चिराग पासवान का भी समर्थन किया और कहा कि विवादों के बावजूद वह युवा सांसद एक नेता के तौर पर उभर कर सामने आए हैं। पासवान हाल में पार्टी में उस वक्त कमजोर पड़ गए जब उनके चाचा पशुपति कुमार पारस की अगुवाई में पांच सांसद उनसे अलग हो गए। लालू प्रसाद ने अपनी पार्टी और एलजेपी नेता के बीच गठबंधन की वकालत की।
इससे पहले, आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने दिल्ली में समाजवादी पार्टी के सांसद मुलायम सिंह यादव से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की। इस दौरान अखिलेश यादव भी मौजूद रहे। इस मुलाकात को लेकर उत्तर प्रदेश बीजेपी के नेताओं ने निशाना साधा है। सोमवार को चिराग पासवान ने पीएम मैटेरियल वाले मुद्दे पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा था। चिराग पासवान ने कहा था कि PM मटेरियल की ख्वाइश तो नीतीश कुमार की रही ही है। ये उनके मन की बात है। इसमें इनका व्यक्तिगत स्वार्थ है। ये विपक्ष का चेहरा बनना चाहते हैं। इसकी तैयारी करनी इन्होंने शुरू कर दी है।
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