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Hindi News बिहार छठ को लेकर पटना में तैयारियां तेज, CM नीतीश कुमार ने किया निरीक्षण, अधिकारियों को दिए जरूरी निर्देश

छठ को लेकर पटना में तैयारियां तेज, CM नीतीश कुमार ने किया निरीक्षण, अधिकारियों को दिए जरूरी निर्देश

सीएम नीतीश कुमार ने शनिवार को पटना में घाटों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने छठ की तैयारियों का जायजा भी लिया।

CM नीतीश कुमार ने किया निरीक्षण।- India TV Hindi Image Source : NITISHKUMAR (X) CM नीतीश कुमार ने किया निरीक्षण।

पटना: बिहार में छठ पर्व को लेकर तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं। इस बीच बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने आगामी छठ पर्व की तैयारियों को लेकर समीक्षा की। उन्होंने पटना में शनिवार को गंगा नदी के किनारे बने घाटों का निरीक्षण किया। इसके अलावा नीतीश कुमार ने अधिकारियों को स्वच्छता, सुरक्षा, तथा श्रद्धालुओं के लिए कपड़े बदलने के अस्थायी कक्ष और शौचालय जैसी सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। सीएम नीतीश कुमार उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के साथ नसरीगंज घाट पहुंचे। यहां से उन्होंने छठ पर्व को लेकर होने वाली व्यवस्थाओ का निरीक्षण शुरु किया और स्टीमर से कंगन घाट तक गए।

अधिकारियों को दिए निर्देश

छठ पर्व की तैयारियों की समीक्षा के बाद सीएम नीतीश कुमार ने बताया कि जिला प्रशासन छठ पर्व महोत्सव के लिए आवश्यक प्रबंध कर रहा है। छठ महोत्सव 7 और 8 नवंबर को मनाया जाएगा। इसके अलावा सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर भी नीतीश कुमार ने तैयारियों के निरीक्षण की जानकारी दी। सीएम नीतीश कुमार ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'लोक आस्था के महापर्व छठ-2024 की तैयारियों को लेकर छठ घाटों का निरीक्षण किया। नासरीगंज घाट से कंगन घाट तक के विभिन्न गंगा घाटों का स्टीमर से जायजा लिया। छठ व्रतियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए छठ घाटों पर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।' इसके अलावा उन्होंने एक्स पर निरीक्षण के दौरान की तस्वीरें भी शेयर कीं।

क्या होती है छठ पूजा

बता दें कि छठ बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और अन्य क्षेत्रों में मनाया जाने वाला एक हिंदू त्योहार है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह कार्तिक महीने के छठे दिन होता है और इसे सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। इस त्योहार में चार दिनों तक धार्मिक अनुष्ठानों के साथ पवित्रता और उपवास का पालन किया जाता है। पहले दिन पवित्र नदी में डुबकी लगाई जाती है और श्रद्धालु अक्सर अनुष्ठान के लिए गंगा जल घर ले आते हैं। दूसरे दिन को खरना के नाम से जाना जाता है, जिसमें दिन भर का उपवास रखा जाता है और धरती माता को अर्घ्य देने के साथ इसका समापन होता है। तीसरे दिन शाम को अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के लिए प्रसाद तैयार किया जाता है, जिसे सांझिया अर्घ्य भी कहा जाता है। अंतिम दिन, श्रद्धालु अपना उपवास तोड़ने से पहले उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं तथा पड़ोसियों और रिश्तेदारों के साथ प्रसाद बांटते हैं। (इनपुट- एजेंसी)

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