Chhath Puja 2022: बिहार में अब तक गंगा सहित अन्य नदियों में लबालब पानी है। कई गंगा घाट पर तो ऊपर तक पानी है। इस कारण इस साल महापर्व छठ को लेकर गंगा तट पर भगवान भास्कर को अर्ध्य देने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऐसा नहीं कि यह स्थिति केवल गंगा तट की ही है। राज्य की अधिकांश नदियों की स्थिति ऐसी ही बनी हुई है। कहा जा रहा है कि अगर आने वाले एक सप्ताह में नदियों के जलस्तर में कमी नहीं हुई, तो अधिकांश घाटों पर छठ पर्व का आयोजन मुश्किल हो जाएगा।
बारिश से गंगा के सहित कई नदियों का जलस्तर बढ़ा
कहा जा रहा है कि दशहरा के बाद राज्य के अधिकांश इलाकों में हुई बारिश से गंगा के सहित कई नदियों का जलस्तर बढ़ा है। बताया जा रहा है कि बक्सर से भागलपुर तक गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। इससे घाट खतरनाक हो गए हैं। लोगों को कहना है कि अगर कुछ घाटों से पानी उतर भी जाता है तो ऐसी स्थिति नहीं हो पाएगी कि वहां तक छठ व्रती जा सकें। उनका कहना है कि पानी हटने के बाद घाटों पर दलदल की स्थिति बनी रहेगी।
गंगा घाटों पर नजर रखे हुए हैं पटना जिला प्रशासन
पटना जिला प्रशासन हालांकि गंगा घाटों पर नजर रखे हुए हैं। पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि अभी 15 दिन बचे हैं, जिसमें छठ पर्व को लेकर पुख्ता तैयारी की जाएगी। उन्होंने संभावना जताते हुए कहा कि जलस्तर घटने की पूरी संभावना है। उन्होंने कहा कि पक्के घाटों पर ज्यादा परेशानी की उम्मीद नहीं है। उन्होंने कहा कि पक्के घाटों पर जलस्तर के हिसाब से जितना क्षेत्र सुरक्षित रहेगा, वहां बैरिकेडिंग कराकर छठ पूजा कराई जाएगी। जहां सुरक्षा की स्थिति नहीं होगी, उन घाटों को प्रतिबंधित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पार्कों और तालाबों में भी वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है।
28 अक्टूबर से होगी महापर्व छठ की शुरुआत
इधर, छठ करने के लिए दानापुर से दीदारगंज तक 105 घाटों को चिह्न्ति किया गया है। सोमवार को पटना प्रमंडल आयुक्त कुमार रवि ने जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह सहित जिले के अन्य अधिकारियों के सहित कई विभागों के अधिकारियों के साथ छठ पर्व को लेकर बैठक की थी। इन सभी घाटों की स्थिति का जायजा लेने के लिए 21 टीमें बनाई गईं जो सभी घाटों का जायजा लेकर इसकी जानकारी देंगी कि किस घाट पर छठ करना संभव है।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष चार दिवसीय लोकआस्था का महापर्व छठ की शुरुआत 28 अक्टूबर से होगी।