पटना: छपरा जहरीली शराब कांड में मृतकों की संख्या बढ़कर 71 हो गई है। इस बीच सरकारी मालखाने में जब्त कर रखे गए सभी स्प्रिट को नष्ट करने का निर्देश दिया गया है। राज्य के सभी थानों और उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के मालखाने में जब्त कर रखे गए स्प्रिट नष्ट किए जाएंगे। स्प्रिट नष्ट करने से पहले सैंपल जांच कराने को कहा गया है। इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
वहीं कल इस मुद्दे पर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। मुख्य विपक्षी दल बीजेपी ने सदन में हंगामे के बाद में राजभवन मार्च किया। विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा सदस्य सारण शराब त्रासदी मामले को लेकर लाए गए कार्यस्थगन प्रस्ताव पर सबसे पहले चर्चा किए जाने की अपनी मांग पर अड़े रहे। भाजपा सदस्यों ने अध्यक्ष के समक्ष आकर सरकार विरोधी नारेबाजी शुरू कर दी।
बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के विपक्षी सदस्यों से अपने सीट पर लौटने और सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलने देने के आग्रह को नजरअंदाज किए जाने के बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा जारी रखा और प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा द्वारा अपनी बात रखे जाने के बाद संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी के इस मुद्दे पर सरकार का पक्ष रखे जाने के दौरान विपक्षी सदस्य सदन से बॉयकाट कर गए।
जहरीली शराब त्रासदी की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) से स्वतंत्र रूप से कराने का अनुरोध करने वाली एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है। सारण में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 71 हो गई है। छह साल पहले शराबबंदी की घोषणा के बाद मृतकों की यह संख्या सबसे अधिक है। नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने अप्रैल, 2016 में बिहार में शराब की बिक्री और खपत पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था। शीर्ष अदालत में दायर याचिका में केंद्र और बिहार सरकार को पक्षकार के रूप में रखा गया है। याचिका में कहा गया है कि जहरीली शराब की बिक्री और खपत को रोकने के लिए बहु-आयामी योजना की जरूरत है। याचिका में कहा गया है कि 14 दिसंबर को बिहार में हुई जहरीली शराब त्रासदी ने देश में ‘‘हंगामा’’ पैदा कर दिया है।
इनपुट-एजेंसी