नयी दिल्ली: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने एक बार फिर बिहार के सरकारी विभागों की पोल खोल दी है। जारी रिपोर्ट में कैग ने कहा है कि बिहार सरकार के विभिन्न विभागों ने 7213.26 करोड़ रुपये के वाउचर और चालान सक्षम प्राधिकारी के स्वीकृति आदेश के बिना जमा किए हैं। कैग ने अपनी रिपोर्ट में पाया है कि 2019-20 के खातों को अंतिम रूप दिए जाने तक सभी वाउचर और चालान में सुधार नहीं किया गया था।
हाल ही में विधानसभा में पेश की गई कैग की एक रिपोर्ट में कहा गया है पीएजी के कार्यालय ने अब तक 7149.67 करोड़ रुपये के 22,857 वाउचर और 63.59 करोड़ रुपये के 316 चालानों पर आपत्ति जताई है।
उल्लेखनीय है कि बिहार सरकार द्वारा अप्रैल 2019 से व्यापक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (सीएफएमएस) लागू किए जाने के बाद से ई-वाउचर, सब-वाउचर की स्कैन की गई प्रतियां, चालान और अन्य सहायक दस्तावेजों के साथ ट्रेजरी खातों को पीएजी के कार्यालय में जमा करना आवश्यक है। वित्तीय नियमों में कहा गया है कि सरकारी खजाने से कोई पैसा तब तक नहीं निकाला जाना चाहिए जब तक कि तत्काल भुगतान के लिए इसकी आवश्यकता न हो।