BPSC Paper Leak : बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 67वीं पीटी परीक्षा के पेपर आउट होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है और आयोग पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। आयोग की लापरवाही की बातें सामने लगी है। यह मामला ऐसा है जिसे जानकर आपको भी हैरत होगी। यह मामला भोजपुर का है। आयोग ने बीपीएससी परीक्षा के लिए ऐसे कॉलेज में सेंटर बना दिया, जिसे 5 साल पहले ही किसी भी परीक्षा के लिए बैन कर दिया गया था। मामला भोजपुर के कुंवर सिंह कॉलेज को सेंटर बनाने का है। इस मामले में आयोग के अधिकारी सवालों के घेरे में आ गए हैं।
2017 में सेंटर बनाने पर बैन, 2019 में मान्यता रद्द
दरअसल, 5 साल पहले वर्ष 2017 में ही कुंवर सिंह कॉलेज में सेंटर बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और दो साल बाद 2019 में वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी की ओर से इसकी मान्यता भी रद्द कर दी गई थी। इसके बाद भी कुंवर सिंह कॉलेज में आयोग की ओर से बीपीएससी की परीक्षा का सेंटर बना दिया गया।
मान्यता रद्द होने के बाद भी सेंटर बनाया
दरअसल 2017 में स्नातक पार्ट टू की परीक्षा का एक वीडियो सामने आया था जिसमें परीक्षार्थी बरामदे में बैठकर परीक्षा दे रहे थे। यह मामला संज्ञान में आने के बाद वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी ने कॉलेज में सेंटर देना बंद कर दिया था। इसके बाद वर्ष 2019 में वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी की ओर से इस कॉलेज की मान्यता भी रद्द कर दी गई थी। इसके बाद भी कुंवर सिंह कॉलेज में बीपीएससी का सेंटर बना दिया गया।
सवालों के सेट का स्क्रीन शॉट वायरल
दरअसल, रविवार दोपहर में बीपीएससी परीक्षा शुरू होने से कुछ मिनट पहले सवालों के एक सेट के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे। जिसके बाद परीक्षा रद्द कर दी गई थी। बीपीएससी के सचिव ने पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यों की एक कमेटी का गठन किया है और तीन दिन में रिपोर्ट देने को कहा है। बताया जाता है कि परीक्षा शुरू होने से लगभग छह मिनट पहले सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे।
बीपीएससी पीटी के लिए पांच लाख उम्मीदवार
आरा में वीर कुंवर सिंह कॉलेज परीक्षा केंद्र पर परीक्षार्थियों ने कई आरोप लगाए। युवकों और युवतियों ने यह आरोप लगाते हुए हंगामा किया कि कुछ उम्मीदवारों को अलग कर दिया गया और एक अलग कमरे के अंदर अपने उन्हें सवाल हल करने की अनुमति दी गई। साथ ही उन्हें वहां मोबाइल फोन ले जाने की भी इजाजत दी गई । आपको बता दें कि परीक्षा में बैठने वाले पांच लाख से अधिक उम्मीदवारों के लिए राज्य भर में 1,000 से ज्यादा केंद्र बनाए गए थे।