Yogi Adityanath: बिहार में सत्ता से दूर होने के बाद बीजेपी के रणनीतिकारों की नजर बिना किसी से गठबंधन किए बिहार फतह करने की है। यही कारण माना जा रहा है कि भाजपा संगठन के स्तर पर लगातार कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं और अभी से ही 2024 में होने वाले लोकसभा और 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। बीजेपी के सबसे बडे राणनीतिकार माने जाने वाले अमित शाह के 20 दिनों के अंदर दो बार बिहार की यात्रा के बाद यह तय माना जा रहा है कि बीजेपी येन केन प्रकारेण बिहार की सत्ता पर फिर से काबिज होना चाहती है।
जयप्रकाश नारायण की जयंती के मौके पर शाह-योगी का साथ आना बड़ा संकेत
इसमें कोई शक नहीं है कि पिछले विधानसभा चुनाव में JDU से ज्यादा सीटें लाकर बीजेपी ने यह साबित कर दिया है कि बिहार में अकेले भी सत्ता में आ सकती है। ऐसे में हालांकि सबसे बड़ा सवाल महागठबंधन में शामिल प्रमुख चेहरे राजद के लालू प्रसाद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बड़े चेहरे के सामने कोई बड़ा नाम लाने की है। ऐसे में जयप्रकाश नारायण की जयंती के मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आना बड़ा संकेत माना जा रहा है।
बिहार में बीजेपी के पास योगी के कद का कोई नेता नहीं
यह सत्य है कि बिहार में बीजेपी के पास फिलहाल योगी के कद का कोई नेता नहीं है। महागठबंधन के नेता लालू और नीतीश को जवाब देना बीजेपी के कई नेताओं के लिए आसान नहीं है। राज्यसभा सांसद सुशील मोदी, विधानसभाा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा लगातार महागठबंधन सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। योगी आदित्यनाथ अपने त्वरित फैसले और जनसरोकार के मसले को तुरंत हल करने के लिए जाने जाते हैं। बिहार भाजपा लोगों को ये साफ संदेश देना चाहती है कि उनके पास योगी जैसा काम करने वाला मुख्यमंत्री है। वैसे, गृह मंत्री अमित शाह पहले ही घोषणा कर चुके हैं, कि आने वाला चुनाव भाजपा चेहरे की घोषणा कर लड़ेगी।
योगी ने बिहार की कमजोर नस को दबाने में देर नहीं की
भाजपा के प्रवक्ता संतोष पाठक कहते भी है कि योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली अतुलनीय है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अपराधी गिरोहों का सफाया कर दिया गया। आज देश के सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्रियों में इनकी गिनती होती है। योगी ने भी जेपी की जन्मस्थली सिताबदियारा में लोगों को संबोधित करते हुए बिहार की कमजोर नस को दबाने में देर नहीं की। उन्होंने जहां बिहार में अपराध की चर्चा की वहीं बाढ़ को लेकर साथ में काम करने की इच्छा भी जता दी। योगी ने लोगों को बाढ़ से निजात दिलाने का अपना यूपी में किया गया प्रयोग याद दिला दिया।
उन्होंने कहा बाढ़ को रोकने के लिए नदी के ड्रेजिंग कार्यक्रम चलाने की जरूरत है, जिससे नदियों का पानी तेजी से निकल जाए। योगी ने कहा यूपी में साल 2017 के पहले 38 जनपद ऐसे थे, जहां भीषण बाढ़ आती थी। आज केवल 3 से 4 जनपद ऐसे हैं जहां बाढ़ आ पाती है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि योगी का बिहार आना कोई बड़ी रणनीति का हिस्सा है। भाजपा कभी भी बिना कुछ सोचे-समझे कदम नहीं उठाती है। भाजपा के प्रवक्ता संतोष पाठक कहते हैं कि भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता पार्टी के लिए काम करता है, पार्टी जो दायित्व देती है, उसे निभाता है।