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बिहार: कौन बनेगा विधानसभा अध्यक्ष? चुनाव के बाद सदन के अंदर भिड़ेंगे NDA और महागठबंधन

Bihar Vidhan Sabha Speaker Post पर एनडीए खेमे की तरफ से भाजपा के विनय सिन्हा तो महागठबंधन की तरफ से राजद के अवध बिहारी चौधरी की तरफ से दावेदारी की गई है।

Bihar Vidhan Sabha Speaker BJP MLA Vinay Sinha RJD MLA Awadh Bihari Chaudhary । बिहार: कौन बनेगा वि- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Bihar Vidhan Sabha Speaker: BJP MLA Vinay Sinha vs RJD MLA Awadh Bihari Chaudhary । बिहार: कौन बनेगा विधानसभा अध्यक्ष? चुनाव के बाद सदन के अंदर भिड़ेंगे NDA और महागठबंधन

पटना. बिहार विधानसभा चुनाव में कांटे के मुकाबले के बाद अब विधानसभा के अंदर एकबार फिर से रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है। दरअसल इसबार मुकाबला विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए है, जिसपर एनडीए खेमे की तरफ से भाजपा के विनय सिन्हा तो महागठबंधन की तरफ से राजद के अवध बिहारी चौधरी की तरफ से दावेदारी की गई है। अवध बिहारी चौधरी सीवान के विधायक हैं और बिहार सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।

विधानसभा स्पीकर पद के भाजपा की तरफ से चुने जाने पर विनय सिन्हा ने कहा कि हम अपनी पार्टी और एनडीए गठबंधन के निर्देशानुसार काम करेंगे। हम अपने गठबंधन के फैसले के अनुसार स्पीकर के पद के लिए नामांकन दाखिल करने जा रहे हैं। बिहार के विकास के लिए विपक्ष और सरकार मिलकर काम करेंगे।

राजद के विधायक दल के नेता तेजस्वी यादव ने चौधरी की जीत का दावा करते हुए कहा कि बिहार में विधानसभा में अध्यक्ष का पद अहम और जिम्मेदारी वाला पद होता है, जो पक्ष और विपक्ष को साथ लेकर चल सके, सबकी बातें सुने। इसके लिए अनुभव का होना बहुत जरूरी है। एआईएमआईएम के समर्थन देने के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वे सभी विधायकों से अपील करेंगे कि वे अनुभवी को अध्यक्ष चुनने के लिए वोट दें। उन्होंने कहा कि चौधरी पहली बार 1985 में विधायक बने थे और अब तक पांच बार विधायक रहे हैं।

इधर, प्रत्याशी बनने के बाद चौधरी ने कहा कि महागठबंधन ने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी बनाया है। उन्होंने विधायकों को विश्वास जताते हुए कहा कि वे अध्यक्ष बनने के बाद पूरे नियम से और बिना भेदभाव के सदन चलाने का काम करेंगे। विधानसभा अध्यक्ष के लिए बुधवार को चुनाव होना है। आम तौर पर विधानसभा अध्यक्ष पद पर सत्ता में रहने वाली पार्टी का विधायक या सदन का सबसे वरिष्ठ सदस्य आम सहमति से चुना जाता है। बिहार में एनडीए और महागठबंधन के बीच विधायकों की संख्या फासला बहुत कम है, ऐसे में राजद की तरफ से भी प्रत्याशी उतारा गया है, जिसके बाद ये मुकाबला रोचक हो गया है।