बिहार में गजब हो गया! ED की ही प्रॉपर्टी पर शिक्षा माफिया ने कर लिया कब्जा, अधिकारियों के उड़े होश
पूरे देश में भ्रष्ट और बेईमानों की संपत्ति और जमीन को जब्त करने वाली ED ने बिहार पुलिस से गुहार लगाई है। बिहार में ED की ही संपत्ति पर कब्जा कर लिया गया है।
हाजीपुर: प्रवर्तन निदेशालय (ED) का नाम सुनकर भ्रष्ट और बेईमान लोग थरथर कांपने लगते हैं लेकिन बिहार के हाजीपुर में एक भ्रष्ट शिक्षा माफिया ने ED किसी संपत्ति जमीन पर ही कब्जा जमा लिया है और भवन निर्माण कर रहा है। अपनी संपत्ति से कब्जा मुक्त करने के लिए ईडी अब बिहार पुलिस से गुहार लगा रही है और थाने में आवेदन देकर FIR दर्ज कराई है।
जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल, यह पूरा मामला 2016 का है जब बिहार इंटरमीडिएट टॉपर घोटाला हुआ था। भगवानपुर में विष्णु राय कॉलेज के इंटरमीडिएट की छात्रा रूबी राय ने 2016 में बिहार में टॉप किया थी। इसके बाद मीडिया उसके घर पहुंची थी और सवाल किया गया था कि कैसे पढ़ते थे क्या तैयारी करते थे, इसी सवाल में वह फंस गई थी। उसने कहा था कि पॉलिटिकल साइंस में खाना बनाने का सिखाया जाता है। इसके बाद बयान पूरा हाइलाइट हुआ था और जब इसकी जांच की गई तो पता चला कि बिना पढ़े-लिखे ही वह सेटिंग से टॉपर बन गई थी।
पैसों से तय होता था रिजल्ट
रूबी राय के पिता और वह दोनों जेल के सलाखों में बंद हो गए थे लेकिन यह सब खेल कैसे हुआ इसको लेकर शिक्षा विभाग ने जिस कॉलेज में रूबी राय पढ़ाई करती थी उसकी भी जांच की तो पता चला कि कॉलेज और शिक्षा विभाग की मिली भगत से कॉलेज में नामांकन दाखिल करने वाले छात्रों का रिजल्ट पैसे पर निर्धारित होता था। जितना पैसा उतना ज्यादा नंबर का रिजल्ट दिया जाता था।
टॉपर घोटाले से हुई थी बिहार की बदनामी
टॉपर घोटाले मामले को लेकर बिहार की पूरे देश और दुनिया में किरकिरी हुई थी और शिक्षा विभाग ने तुरंत विष्णु राय कॉलेज को सील कर दिया था। इसके मालिक बच्चा राय को भी जेल भेज दिया था। शिक्षा के नाम पर बच्चा राय ने अवैध संपत्ति भी बना ली था जिस पर ED ने कार्रवाई करते हुए जब्त कर लिया था। लेकिन 7 साल के बाद जेल में रहने के बाद छात्रा, उसके पिता और आरोपी कॉलेज का मालिक बच्चा राय बाहर निकले तो बेखौफ होकर ED द्वारा जब्त की गई संपत्ति जमीन पर अपना कब्जा जमाना शुरू कर दिया। फिर से कॉलेज चलाने के लिए भवन का निर्माण करने लगे।
ED के सहायक निदेशक राजीव रंजन ने भगवानपुर थाना में 24 नवंबर को आवेदन दिया। पुलिस ने 29 नवंबर को एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
(रिपोर्ट- राजा बाबू)
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