A
Hindi News बिहार "हिजाब पहनने से रोका तो सिर काटकर फेंक देंगे", स्कूल के शिक्षकों और प्रिंसिपल को मिली जान से मारने की धमकी

"हिजाब पहनने से रोका तो सिर काटकर फेंक देंगे", स्कूल के शिक्षकों और प्रिंसिपल को मिली जान से मारने की धमकी

बिहार के शेखपुरा में एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल ने शिकायत दी है कि कुछ ग्रामीणों ने उन्हें और शिक्षकों को सर तन से जुदा करने की धमकी दी है। ऐसे में शिक्षकों ने सामूहिक ट्रांसफर की मांग की है।

सांकेतिक तस्वीर- India TV Hindi Image Source : SOCIAL MEDIA सांकेतिक तस्वीर

बिहार के शेखपुरा में एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल ने हिजाब और बुर्के में लड़कियों को आने से मना किया तो अभिभावकों और ग्रामीणों ने स्कूल के शिक्षकों और प्रिंसिपल को सर तन से जुदा करने की धमकी दी। साथ ही स्कूल के शिक्षकों के साथ मारपीट भी की। ऐसे बुरे माहौल से डरे सहमे शिक्षकों ने सामूहिक ट्रांसफर की मांग की है। वहीं, स्कूल के प्रिंसिपल ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इस मामले से अवगत भी कराया है। मामले के संज्ञान में आने के बाद अधिकारियों, शिक्षकों और ग्रामीणों के साथ बैठक भी हुई लेकिन बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला। लड़कियां अभी भी बुर्के में आ रही हैं।

स्कूल में पढ़ने वाली मुस्लिम बच्चियों ने इस्लाम के नियमों का हवाला दिया

इसी मामले पर इंडिया टीवी के संवाददाता नितीश चंद्रा ने स्कूल के शिक्षकों और वहां पढ़ने वाली बच्चियों से बातचीत की। मामले को लेकर स्कूल में पढ़ने वाली मुस्लिम लड़कियों का कहना है कि इस्लाम में लड़कियों को पर्दे में रहने की बात कही गई है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि स्कूल में हिंदू लड़कियां ड्रेस की जगह जींस पहनकर आती हैं। इस पर स्कूल के प्रिंसिपल को कोई एतराज नहीं है तो फिर हमारे बुर्के में आने को लेकर वह सवाल क्यों कर रहे हैं। यहां के प्रिसिंपल मुस्लिम लड़कियों को टारगेट कर रहे हैं। 

मामले को लेकर हिंदू लड़कियों ने क्या कहा

संवाददाता नितीश चंद्रा ने स्कूल में पढ़ रही हिंदू लड़कियों से भी बातचीत की। जिस पर लड़कियों ने कहा कि शुक्रवार को ये स्कूल बंद रहता है जबकि ये उर्दू स्कूल नहीं है। जब संवाददाता ने वहां के लोगों से बात की तो उन्होंने शिक्षकों से मारपीट और धमकी देने को लेकर इनकार किया है। वार्ड पार्षद के प्रतिनिधि ने कहा कि सर तन से जुदा की बात किसी ने नहीं कही। ड्रेस कोड मानने को लेकर भी ग्रामीणों की अलग-अलग राय सामने आई है। कुछ ग्रामीणों ने कहा कि हमें ड्रेस कोड मंजूर है तो किसी ने इस्लाम का हवाला दिया।

विवाद की असली वजह

मामले को लेकर जब और पड़ताल की गई तो पता चला कि एक महीने पहले यहां तालीमी मरकज(मुस्लिम )की जगह टोला सेवक(महादलित )की बहाली का ग्रामीण विरोध कर रहे थे। प्रिंसिपल का कहना है कि नियमों के अनुसार महादलित को ये पद दिया गया लेकिन गाँव के लोग तालीमी मरकज की बहाली चाहते हैं, इस वजह से बहाली का ये मामला रुका पड़ा है। प्रिंसिपल और ग्रामीण इसी मामले को विवाद की असली वजह बता रहे हैं।

ये भी पढ़ें:

बहन के प्रेमी को भाइयों ने पहले खूब समझाया, नहीं माना तो कुल्हाड़ी से काटकर फेंका

"मैं इस लड़की को अपने साथ नहीं रखूंगा", पकड़ौआ विवाह में अगवा हुए टीचर ने कही ये बात