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Hindi News बिहार Bihar Politics: मोदी के खिलाफ अदालत जाने वाले रालोजपा महासचिव पार्टी से बर्खास्त

Bihar Politics: मोदी के खिलाफ अदालत जाने वाले रालोजपा महासचिव पार्टी से बर्खास्त

Bihar Politics: रालोजपा प्रदेश महासचिव सुधीर कुमार ओझा को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण संगठन से बर्खास्त कर दिया गया है। ओझा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत अन्य के खिलाफ एक याचिका दायर की थी।

Sudheer Kumar Ojha- India TV Hindi Sudheer Kumar Ojha

Highlights

  • रालोजपा प्रदेश महासचिव को पार्टी से निकाला गया
  • पीएम के खिलाफ कोर्ट में लगाई थी याचिका
  • चिराग से अलग होकर बनाई गई थी रालोजपा

Bihar Politics: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी ने रविवार को पार्टी के प्रदेश महासचिव सुधीर कुमार ओझा को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण संगठन से बर्खास्त कर दिया। यह पार्टी रामविलास पासवान के मरने के बाद और एक साल पहले पशुपति पारस ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर बनाई थी। पार्टी के एक बयान के अनुसार प्रदेश अध्यक्ष और सांसद प्रिंस राज ने ओझा पर पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए निष्कासन का आदेश दिया। हालांकि इस बयान में कुछ दिन पहले मुजफ्फरपुर में ओझा की ओर से दायर याचिका का कोई जिक्र नहीं है, लेकिन पार्टी सूत्रों ने स्वीकार किया कि यह घटनाक्रम रालोजपा प्रमुख पशुपति कुमार पारस के लिए एक बड़ी शर्मिंदगी के रूप में आया था, जो खुद केंद्रीय मंत्री हैं। राजनेताओं, फिल्मी सितारों और यहां तक कि विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के खिलाफ विभिन्न मुद्दों को लेकर याचिका दायर करने को लेकर चर्चा में रहने वाले पेशे से वकील ओझा ने मुजफ्फरपुर निवासी विनायक कुमार की ओर से शुक्रवार को विभिन्न क्षेत्रों में निजीकरण कर कथित तौर पर संविधान का उल्लंघन करने के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत अन्य के खिलाफ एक याचिका दायर की थी। ओझा की ओर से दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि निजीकरण संविधान द्वारा गारंटीकृत समानता के अधिकार के खिलाफ है। इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख मुजफ्फरपुर के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (पूर्वी) ने छह अगस्त को निर्धारित की है।

चिराग से अलग होकर बनाई थी पार्टी

दिवंगत पासवान के छोटे भाई पारस ने पिछले साल पासवान के बेटे और उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी चिराग को छोड़कर अन्य सभी सांसदों के साथ मिलकर लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) को तोड़कर एक अलग गुट बना लिया था। पारस ने अपने और दिवंगत पासवान के भतीजे प्रिंस राज को अपने गुट का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया था, जिसके बाद चुनाव आयोग द्वारा पारस और चिराग के नेतृत्व वाले गुटों को अलग-अलग दलों के रूप में मान्यता दी गई और जिसके बाद चिराग के गुट को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के रूप में जाना जाता है।