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Bihar Politics: प्रशांत किशोर बोले- बिहार में 7 दलों की सरकार बहुत दिनों तक नहीं चल सकती

Bihar Politics: नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि वो कुर्सी से चिपक कर बैठ गए हैं, 2014 के नीतीश कुमार और 2022 के नीतीश कुमार में जमीन आसमान का फर्क है और ये जेडीयू के चुनावी प्रदर्शन में साफ तौर पर देखा जा सकता है।

Prashant Kishor- India TV Hindi Image Source : PTI Prashant Kishor

Highlights

  • कुर्सी से चिपक कर बैठ गए हैं नीतीश कुमार- पीके
  • 'बिहार सरकार वेतन दे नहीं पा रही, नई नौकरियां कहां से देगी'

Bihar Politics: राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने गुरुवार को महागठबंधन सरकार पर एकबार फिर निशाना साधा है। उन्होंने महागठबंधन की स्थिरता पर संदेह जाहिर करते हुए कहा कि ऐसा नहीं लगता है कि 7 दलों की यह सरकार अगले विधानसभा और लोकसभा चुनाव तक चलेगी। समस्तीपुर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि संभव है कि लोकसभा चुनाव तक ये लोग साथ रहे, लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले इसमें फेरबदल संभव है। प्रशांत किशोर ने सरकार की अस्थिरता पर सवाल उठाते हुए कहा कि 2012 के बाद से बिहार में ये छठवां प्रयोग है जिससे सरकार बदली है, इससे बिहार के विकास पर बुरा असर पड़ा है और विकास की गति धीमी हुई है।

'कुर्सी से चिपक कर बैठ गए हैं नीतीश'
नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि वो कुर्सी से चिपक कर बैठ गए हैं, 2014 के नीतीश कुमार और 2022 के नीतीश कुमार में जमीन आसमान का फर्क है और ये जेडीयू के चुनावी प्रदर्शन में साफ तौर पर देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि वे बिहार के समग्र विकास का ब्लूप्रिंट जारी करेंगे, जिसमें समस्या के साथ उसके समाधान का भी मार्ग बताया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे 2 अक्टूबर से पदयात्रा पर निकलेंगे। इसके तहत गांव-गांव में हर घर का दरवाजा खटखटाएंगे, जिससे बिहार के वास्तविक मुद्दों को समझ सकें।

राज्य स्तर पर अधिवेशन का होगा आयोजन
प्रशांत किशोर ने कहा कि पदयात्रा के बाद एक प्रयास किया जाएगा कि जो भी लोग जन सुराज अभियान में आगे साथ चलने के लिए तैयार होंगे, उनके साथ राज्य स्तर पर अधिवेशन का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद तय किया जाएगा कि राजनीतिक दल बनाना है या नहीं। उन्होंने कहा कि सभी लोग मिलकर ही आगे का रास्ता तय करेंगे और यह प्रकिया पूरे तौर पर लोकतांत्रिक एवं सामूहिक होगी। उन्होंने साफ लहजे में कहा कि वह प्रशांत किशोर का दल नहीं होगा, वह दल सारे व्यक्तियों का होगा जो इस सोच से जुड़कर इसके निर्माण में संस्थापक बनेंगे।

PK ने CM नीतीश के वादे का उड़ाया मजाक
इससे पहले बुधवाक को पीके ने सीएम नीतीश के 20 लाख लोगों को नौकरी देने के मामले पर जोरदार निशाना साधा था। प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर ये सरकार 1-2 साल में अगर 5-10 लाख नौकरियां दे देती है, तो मैं इनके समर्थन में अपना अभियान वापस ले लूंगा। उन्हें नेता मान लूंगा। उन्होंने कहा कि जो नियोजित शिक्षक स्कूलों में पढ़ा रहे हैं, उन्हें तो समय पर सरकार वेतन दे नहीं पा रही और नई नौकरियां कहां से दे पाएगी।

'जुगाड़ पर चल रही है नीतीश सरकार'
प्रशांत किशोर ने कहा कि जनता ने इस सरकार को वोट नहीं दिया था। ये सरकार जुगाड़ पर चल रही है, इसे जनता का विश्वास प्राप्त नहीं है। उन्होंने 2005 से 2010 के बीच एनडीए सरकार के काम की प्रशंसा भी की।