पटना: जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीजेपी पर हमले तेज हो रहे हैं। आज जब नीतीश से बीजेपी से फिर गठबंधन को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ‘‘हाथ मिलाने के बजाय मरना पसंद करेंगे।’’ नीतीश ने कहा, बीजेपी जबरदस्ती पीछे पड़ी है, महागठबंधन को तोड़ने की कोशिश कर रही है। इतना ही नहीं नीतीश ने ये भी कहा कि वो प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं।
'पहले भी तो कहा था फिर क्यों साथ आए'
वहीं, नीतीश के इस बयान पर बीजेपी ने जोरदार पलटवार किया है। बीजेपी नेता और बिहार विधान परिषद के प्रतिपक्ष के नेता सम्राट चौधरी ने कहा, ''आप तो कहते थे मिट्टी में मिल जाएंगे लेकिन बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे फिर भी आपने बीजेपी के साथ गठबंधन किया। नीतीश कुमार जी बीजेपी ने पिता के समान आपको कंधे पर बैठाकर मुख्यमंत्री बनाया। अभी आप जिसके कंधे पर हैं उसको भी बीजेपी ने ही बनाया। 2024 मैं आपको कितनी सीट मिलेगी यह सबको पता है। आपको एक भी सीट नहीं मिलेगी।''
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'हम तो अटल-आडवाणी के पक्ष में थे'
महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए सीएम नीतीश ने कहा, ''बापू तो सबको बचा रहे थे, सबको लेकर चलते थे इसलिए तो उनकी हत्या हुई। ये किसी को नहीं भूलना है, ये लोग जितना भी भूलवाना चाहें, झगड़ा करवाना चाहें भूलना नहीं है। हमें तो मर जाना कबूल है उनके साथ जाना कबूल नहीं है।'' आगे उन्होंने कहा, ''हमें अल्पसंख्यक का भी वोट मिला, अब भाजपा सब भूल गए कि वोट कैसे मिला था। इस बार हमें ही हराकर हमारा ही वोट लेकर जीत गए और अब बोल रहे हैं। हम तो अटल-आडवाणी के पक्ष में थे, अब ये लोग जो आ गए हैं सब कुछ बदल रहे हैं। नाम बदल रहे हैं।''
बीजेपी के दावे की उड़ाई खिल्ली
जेडीयू के नेता ने बीजेपी को यह भी याद दिलाया कि गठबंधन में रहते हुए उसे मुस्लिमों समेत उनके सभी समर्थकों के वोट मिलते थे जो बीजेपी की हिंदुत्व की विचारधारा को लेकर हमेशा ‘‘सतर्क’’ रहे हैं। उन्होंने बीजेपी के उस दावे की भी खिल्ली उड़ाई कि उसे राज्य में अगले साल आम चुनावों में 40 लोकसभा सीटों में से 36 सीटें मिलेगी। कुमार ने दोहराया कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और उनके पिता लालू प्रसाद के खिलाफ भ्रष्टाचार के ‘‘निराधार’’ आरोपों के बाद 2017 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में उनकी वापसी एक ‘‘भूल’’ थी।