पटना: बिहार विधानसभा के बजट सत्र में शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ। बीजेपी ने नीतीश कैबिनेट के मंत्री इसराइल मंसूरी की बर्खास्तगी की मांग को लेकर खूब हंगामा किया। बीजेपी विधायकों ने सदन में ही हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया। देखते-ही-देखते वेल में विपक्षी विधायक तालियां बजाकर हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे। इसी बीच सदन में हनुमान चालीसा के पाठ के सवाल पर पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने विवादित बात कह दी। उन्होंने कहा कि राम से ज्यादा कर्मठ थे रावण, उनपर अन्याय हुआ था।
जीतनराम मांझी यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि भगवान राम की कहानी काल्पनिक है और इस कहानी में राम से ज्यादा कर्मठ रावण था लेकिन इस काल्पनिक कहानी को हम नहीं मानते हैं। इससे पहले बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर के रामचरितमानस पर दिए गए विवादित बयान को लेकर हंगामा मचा रहा और राजद ने उन्हें नोटिस तक जारी कर दिया। अब 'हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा' प्रमुख जीतन राम मांझी ने भगवान राम को लेकर विवादित बयान दिया है, इसे लेकर भी बयानबाजी और बहस बढ़ सकती है।
जीतनराम मांझी ने रामायण को लेकर दिया था विवादित बयान
इससे पहले भी जीतनराम मांझी ने रामायण को लेकर विवादित बयान देते रहे हैं। इससे पहले उन्होंने रामायण की कुछ पंक्तियों को ही गलत बताया था। मांझी रामयण की चौपाई 'नारी नीर नीच कटी धावा, ढोल गवार शुद्र पशु नारी सकल ताड़ना के अधिकारी, पूज्य विप्र शील गुण हीना'.... पर भी पहले सवाल उठा चुके हैं। मांझी ने सवाल उठाया था और कहा था कि वे रामायण को मानते हैं। रामायण से ही रामचरितमानस का सृजन हुआ है और रामायण को वाल्मीकि ने लिखा है फिर भी वाल्मीकि की जयंती क्यों नहीं मनाई जाती है। उनको क्यों नहीं पूजा जाता है।
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