Bihar News: बिहार में मचे पूरे सियासी संग्राम के बीच जितनी आसानी से नीतीश कुमार ने आरजेडी के साथ सरकार बना ली और बीजेपी ने उसमें कोई अड़ंगा नहीं लगाया यह बात कई सवाल खड़े करती है। सबसे पहला सवाल कि क्या बीजेपी ने जानबूझकर नीतीश कुमार को नहीं रोका। और अगर जानबूझकर नहीं रोका तो इसके पीछे की वजह क्या है। दरअसल, जानकार मानते हैं कि इसके पीछे साल 2024 में होने वाला लोकसभा चुनाव है।
बिहार एक बड़ा राज्य है और वहां 40 लोकसभा की सीटे हैं। बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान इन सीटों पर बढ़त बनाना चाहती है, लेकिन बीते कुछ समय से राज्य में वह नीतीश कुमार के साथ सरकार बना कर घाटे का सौदा कर रही थी, क्योंकि ना तो सरकार में उसे बड़ी भूमिका मिल रही थी और ना ही वह नीतीश कुमार के फैसलों का जनता के बीच विरोध कर पा रही थी। अब जब वह सरकार से निकल कर विपक्ष में आ गई है तो जमीन पर आने वाले समय में वह अग्रेसिव हो कर लड़ती दिखाई देगी।
नीतीश को घेरकर अपना कद बढ़ाएगी बीजेपी
बिहार में अब तक बीजेपी के पास कोई टार्गेट नहीं था जिस पर निशाना लग कर वह जनता के बीच अपना कद बढ़ा सके। अब बीजेपी के सामने नीतीश कुमार बतौर टार्गेट हैं। चाहे बिहार में बिगड़ती कानून व्यवस्था हो या फिर अवैध शराब से होने वाली मौतें बीजेपी अब हर मुद्दे पर नीतीश कुमार को घेरेगी और 2024 के लोकसभा चुनाव में नीतीश के इन्ही नाकामयाबियों को भुनाने की कोशिश करेगी।
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बीजेपी एक तीर से दो शिकार करेगी
सरकार में रहते हुए बीजेपी डिफेंसिव मोड में थी, लेकिन विपक्ष में बैठते ही वह हमलावर पोजिशन में है। अब बीजेपी सरकार के किसी भी गलत कदम में उसके सहयोगी आरजेडी को घेरेगी और आरजेडी के किसी गलत कदम में नीतीश कुमार को भी घसीटेगी। 2017 में भी यही हुआ था जब नीतीश कुमार आरजेडी के साथ सरकार में थे। तेजस्वी यादव पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर नीतीश कुमार कुछ कह नहीं पा रहे थे, जिसकी वजह से जनता के बीच बीजेपी उन्हें भी निशाने पर ले रही थी। आखिरकार थक कर उन्होंने अपना गठबंधन तेजस्वी से तोड़ लिया था, क्योंकि उनके नेताओं का बिहार की जनता को जवाब देना भारी पड़ रहा था।