Bihar OMG: कहते हैं कि जब कोई आदमी अपने मन में ठान ले तो वह कुछ भी कर सकता है। मीलों पैदल चल सकता है। वर्षों तक तपस्या कर सकता है। पहाड़ तोड़ सकता है। नदी का रुख बदल सकता है। ऐसा ही कुछ ठाना बिहार के पटना के एक शख्स ने। लेकिन उनकी जिद बड़ी ही अजीब। उनकी इस जिद को जो भी सुनता है वह हैरान होकर सोचता है कि कोई ऐसा कैसे कर सकता है? उन्होंने ठाना कि जब तक उनकी प्रतिज्ञा पूरी नहीं हो जाती तब ता वो नहाएंगे नहीं। शख्स को 1 नहीं, 2 नहीं पूरे 22 साल हो गए हैं और वो इतने सालों से नहाए नहीं हैं।
एक शपथ की वजह से नहीं नहा रहे धर्मदेव
बिहार के गोपालगंज में रहने वाले इस शख्स की इस अजीबोगरीब जिद से सब हैरान हैं। यह शख्स पिछले 22 साल से नहाया नहीं है और ना ही कभी नहाने की जिद पर अड़ा है। सबसे आश्चर्य तो इस बात का है कि इस इंसान के शरीर से तेज दुर्गंध आती है, लेकिन वह अभी तक कभी बीमार नहीं पड़ा। न नहाने की जिद की वजह से वो अपनी नौकरी खो चुके हैं लेकिन उन्होंने अपनी न नहाने की कसम नहीं तोड़ी। मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार गोपालगंज के 62 वर्षीय धर्मदेव कोलकाता में एक जूट मिल में काम करते थे।
जानकारी के मुताबिक धर्मदेव राम के ना नहाने के पीछे भी एक चौंकाने वाली कहानी है। उनका कहना है कि जब तक महिलाओं के साथ अत्याचार, जमीनी विवाद व जीव हत्या बंद नहीं होंगी वे तब तक नहीं नहाएंगे। यह तीन मांगे पूरी होने के बाद ही वह अपने शरीर पर पानी डालेंगे। ग्रामीण इनकी इस जिद की वजह दिमागी बीमारी को बता रहे हैं।
पत्नी और बेटों की मृत्यु के बाद भी नहीं नहाए
ग्रामीणों के अनुसार, धर्मदेव पिछले 22 वर्षों से गांव में ब्रह्मस्थान के पास रहते हैं। साल 2003 में उनकी पत्नी मायादेवी की मृत्यु होने के बाद भी वे नहीं नहाए। इसके बाद उनके दो बेटों की मौत हो गई। इस पर भी उन्होंने शरीर पर एक बूंद पानी नहीं डाला। इधर, ग्रामीणों का कहना है कि धर्मदेव राम तांत्रिक कर्मकांड करते हैं, यही वजह है कि वे दिमागी तौर पर बीमार हैं। यही वजह है कि वह ना नहाने की जिद्द पाले बैठे हैं।
वहीं धर्म देव का कहना कि साल 1986 में अचानक उन्हें ऐसा लगा कि देश में भूमि विवाद, जीवहत्या व महिलाओं के साथ अत्याचार बढ़ने लगे हैं। इसके बाद से उन्होंने शपथ ली कि जब तक ये सब अत्याचार बंद नहीं होंगे वे नहीं नहाएंगे। ग्रामीण बताते हैं कि धर्मदेव एक गुरु के साथ 6 महीने रहे व जप-तप किया। वे भगवान श्रीराम को अपना आदर्श मानते हैं। ग्रामीणों के अनुसार, धर्मदेव भगवान राम के बताए गए उसूलों पर चलते हैं।