Bihar News: बिहार के सरकारी स्कूलों में टीचर्स द्वारा पहनने वाले कपड़ों को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। स्कूलों में टीचर्स अगर जींस पैंट, टी शर्ट और कुर्ता पायजामा पहनकर आए तो उनकी खैर नहीं। बिहार में टीचर्स को सौम्य पोशाक पहनकर स्कूल आने का निर्देश जारी किया गया है। वैशाली के जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) वीरेंद्र नारायण ने आदेश जारी कर शिक्षकों को फॉर्मल पैंट और फुल या हाफ शर्ट में ही स्कूल में शिक्षण कार्य करने का निर्देश दिया है।
डीईओ ने जिले के सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और प्रारंभिक एवं माध्यमिक स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को जारी आदेश में लिखा है कि आए दिन इंटरनेट मीडिया में स्कूलों में पठन-पाठन की अवधि में टीचर्स के कुर्ता-पायजामा, जींस-टी शर्ट पहन कर कक्षा संचालन करने से शिक्षकों की नकारात्मक छवि प्रदर्शित हो रही है।
DEO साहब का सख्त आदेश
पत्र में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने आगे लिखा है कि समाज निर्माण और छात्र-छात्राओं के चरित्र निर्माण में टीचर्स की अहम भूमिका होती है। टीचर्स न सिर्फ स्कूल में बल्कि स्कूल अवधि के बाद भी छात्र-छात्राओं के मार्गदर्शक की भूमिका में होते हैं। पत्र में कहा गया है कि स्कूल अवधि में फॉर्मल पैंट, फुल या हाफ शर्ट में ही पठन-पाठन का कार्य करें।
'कुर्ता-पायजामा को शालीन नहीं मानना भारतीय संस्कृति का अपमान'
वहीं, शिक्षक संघों ने शिक्षकों के ड्रेस को लेकर जारी पत्र पर अपना प्रतिक्रिया जारी की है आदेश की आलोचना की है। टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा कि जब शिक्षकों को ड्रेस के लिए अलग से कोई भत्ता नहीं मिलता है और न ही शिक्षा विभाग की ओर से कोई ड्रेस कोड लागू किया है, ऐसे में वैशाली डीईओ का आदेश मनमानापूर्ण है। कुर्ता- पायजामा को शालीन ड्रेस नहीं मानना भारतीय संस्कृति का अपमान है।
कुर्ता-पायजामा पहने टीचर को नेता बनने की सलाह
उल्लेखनीय है कि इसके पहले लखीसराय के जिलाधिकारी का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें डीएम को एक स्कूल निरीक्षण करने के दौरान एक टीचर को कुर्ता-पायजामा पहनने पर जमकर फटकार लगाते हुए देखा जा सकता है। उन्होंने टीचर को नेता तक बनने की सलाह दे दी थी। हालांकि बाद में डीएम साहब की सोशल मीडिया पर खूब खिंचाई हुई थी। इसके बाद भी वैशाली में शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड का ऐलान कर दिया गया है।