Bihar News: बिहार में बेरोजगारी में वर्ष 2019-20 के मुकाबले वर्ष 2020-21 में 0.6 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। वहीं नौकरी पाने के मामले में एसटी वर्ग के लोग सबसे आगे रहे। यह आंकड़ा राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से जारी किया गया है।
बेरोजगारी दर 5.3 फीसदी से घटकर 4.7 फीसदी हुई
जुलाई 2020 से जून 2021 के बीच पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में बेरोजगारी दर 5.3 फीसदी से घटकर 4.7 फीसदी हो गई है। वर्ष 2019-20 में बिहार में बेरोजगारी दर 5.3 फीसदी जो 2020-21 में घटकर 4.7 फीसदी हो गई है।
27.9 फीसदी लोग काम के लिए उपलब्ध
हालांकि कोरोना काल के दौरान देश में लाखों लोगों को नौकरियां गंवानी पड़ी थी। करीब 37 फीसदी लोगों को छह महीने से एक साल के बीच घर पर बैठना पड़ा था। आपको बता दें कि बिहार में लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन की दर 27.9 प्रतिशत है। लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन का मतलब है कि कुल जनसंख्या में से 27.9 फीसदी लोग काम के लिए उपलब्ध हैं।
बेरोजगारी के मामले में देश में 19वें नंबर पर बिहार
बिहार में बेरोजगारी दर भले ही घटी हुई नजर आ रही है लेकिन पूरे देश के औसत बेरोगजारी की दर से यह अब भी ज्यादा है। बेरोजगारी के मामले में बिहार देशभर में 19वें स्थान पर है। वर्ष 2019-20 में यह 18 वें स्थान पर था। वहीं नेशनल ट्रेंड भी यह बताता है कि ग्रामीण इलाकों से ज्यादा शहरी इलाकों में बेरोजगारी है। वहीं कामकाजी पुरुषों का औसत महज तीन फीसदी बढ़ा है जबकि महिलाओं को 7 फीसदी से ज्यादा बढ़ा है। यदि जाति के आधार पर देखें तो आदिवासी (एसटी) वर्ग के लोग नौकरी पाने में सबसे ज्यादा रहे।