Bihar News: पटना के डाक बंगला चौराहे पर TET पास छात्रों का प्रदर्शन हो रहा है। इस दौरान चौराहे पर जाम लग गया है। इसी दौरान पप्पू यादव की पार्टी के कार्यकर्ता भी महंगाई को लेकर यहां पहुंच गए हैं। वाटर कैनन और वज्र वाहन के साथ पुलिस मौके पर पहुंची है। सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे शिक्षक अभ्यर्थियों में से एक लड़के की पुलिस ने पिटाई की। मजिस्ट्रेट के तौर पर तैनात पटना के ADM ने की है पिटाई।
दरअसल, बिहार की राजधानी पटना में C TET और B TET पास अभ्यर्थी सड़क पर आ गए हैं। राज्य से सभी जिलों से आए 5 हजार से ज्यादा छात्रों ने पटना में नीतीश कुमार की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।इस प्रदर्शन में कई महिला अभ्यर्थी भी शामिल हैं। पुलिस ने इन्हें इनकम टैक्स चौराहे के पास रोक दिया। उसके बाद प्रदर्शनकारियों ने डाक बंगला चौराहे पर तीन रास्तों को बंद कर दिया। इससे गांधी मैदान, स्टेशन और एग्जीबिशन रोड की ओर जाने वाली सड़कों पर आवागमन ठप हो गया है। जानकारी के अनुसार डाक बंगला चौराह पर जाम लगा हुआ है। इसमें बड़ी संख्या में गाड़ियां फंसी होने से ट्रैफिक जाम हो गया है। लोगों की परेशानी हो रही है, पर प्रदर्शनकारी शिक्षक अभ्यर्थी अपनी बात पर डटे हुए हैं।
स्थिति को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। हालात को काबू में करने के लिए पानी छोड़ने वाली वाटर कैने को भी तैनात किया गया है। स्टूडेंट्स का आरोप है कि सरकार पिछले 3 वर्षों से उन्हें सिर्फ बहाली के लिए भरोसा ही दे रही है। यह आंदोलन पिछले 22 दिनों से शिक्षक नियोजन के लिए चल रहा है।
गौरतलब है कि हाल के समय में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने घोषणा की थी कि सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) योग्यता प्रमाण पत्र की वैधता अवधि बढ़ाने का फैसला किया है। पहले इसकी वैधता सात साल के लिए थी लेकिन अब यह 2011 से पूर्वव्यापी प्रभाव से जीवन भर के लिए वैध होगी।पोखरियाल ने कहा था कि शिक्षण क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में यह एक सकारात्मक कदम होगा।
बता दें शिक्षक बनने के लिए टीईटी एक अनिवार्य योग्यता है। दिशानिर्देशों के अनुसार, 11 फरवरी, 2011 को, राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने निर्धारित किया कि टीईटी राज्य सरकारों द्वारा आयोजित की जाएगी और प्रमाण पत्र की वैधता परीक्षा उत्तीर्ण करने की तारीख से सात साल के लिए थी।