Bihar News: बिहार के सासाराम (Sasaram) के शाहजमा मोहल्ले में स्थित एक निजी क्लिनिक में एक घायल बंदर अपने बच्चे के को गोद में लेकर इलाज के लिए पहुंच गई जो कौतूहल और चर्चा का विषय बना हुआ है। बताया जाता है कि शाहजमा मोहल्ले में डॉ. एस.एम. अहमद के मेडिको नामक क्लीनिक में दोपहर के सन्नाटे के दौरान अचानक एक बंदरिया अपने कलेजे से एक अपने छोटे से बच्चे को लगाए क्लीनिक के अंदर आ गई और मरीज वाले टेबल पर बैठ गई।
पेशंट टेबल पर लेट कराई मरहम-पट्टी
बंदरिया के चेहरे पर चोट के निशान थे। शायद किसी ने उसे पत्थर मार दिया था जिससे वह घायल हो गई थी और इलाज के लिए खुद डॉक्टर के यहां पहुंच गई। यह अनोखा दृश्य देखने के लिए भीड़ इकट्ठा हो गई। डॉ. एस.एम.अहमद ने बताया कि पहले तो वो खुद थोड़ा डर गए, लेकिन उसके चेहरे के जख्म को देखकर उन्हें समझते देर नहीं लगी कि यह जानवर घायल है और इलाज के लिए उनके पास आई है। सबसे बड़ी बात है कि डॉक्टर ने जब उसे टिटनेस का इंजेक्शन दिया, तो आराम से उसने लगवा लिया। साथ ही चेहरे के चोट वाली घाव पर दवा भी लगवाई। इसके बाद काफी देर तक वह पेशेंट वाले टेबल पर वह जाकर लेट भी गई और अपने नन्हे बच्चे को कलेजे से लगाए रखा।
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डॉक्टर के लिए रहा कौतूहलपूर्ण अनुभव
क्लिनिक में दूसरे पेशेंट भी बैठे थे लेकिन उन्हें परेशान नहीं किया। थोड़ी देर में डॉ. एस एम अहमद के क्लिनिक के आगे तमाशबीन बच्चों, राहगीरों की भीड़ इकट्ठा हो गई। इलाज पूरा हो जाने के बाद डॉक्टर साहब ने जब भीड़ को वहां से हटाया, तो आसानी से अपने बच्चे को लेकर वह बंदरिया निकल गई। यह पूरा माजरा कौतूहल भरा था। डॉक्टर खुद अचंभित है, जिस प्रकार से एक जानवर में तमाम ज्ञानेंद्रियां विकसित है और वह यह समझ कर उसके पास आई कि यहां उसका इलाज हो जाएगा, यह बड़ी बात है। घायल बंदरिया का इलाज करने वाले डॉक्टर कहते हैं कि उनके लिए ये एक कौतूहलपूर्ण अनुभव रहा।