Bihar News: पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह (RCP Singh) ने जनता दल यूनाइटेड (JDU) की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। आरसीपी सिंह को जदयू का सेकेंड मैन कहा जाता था। आरसीपी सिंह पर जदयू ने ही भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। भ्रष्टाचार के आरोप के बीच उन्होंने ये कदम उठाया है। वे जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं। सिंह ने आज अपने गांव मुस्तफापुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए जेडीयू छोड़ने का ऐलान किया और अपनी पार्टी बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार सात जन्मों में भी प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी JDU ने आज शनिवार को पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं की ओर से लगाए गए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों पर अपने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह से स्पष्टीकरण मांगा था। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने नोटिस जारी कर आरसीपी सिंह से जवाब मांगा था। आरसीपी सिंह का हाल ही में राज्यसभा का कार्यकाल खत्म हो गया, हालांकि पार्टी ने उन्हें फिर से सदन में नहीं भेजा।
नोटिस में आरोप है कि राज्यसभा सांसद और फिर केंद्रीय मंत्री रहते हुए आरसीपी सिंह ने गलत तरीके से अकूत अचल संपत्ति बनाई है। बता दें कि राज्यसभा की सदस्यता खत्म होने पर पिछले महीने ही आरसीपी सिंह ने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दिया था।
'बिहार का सीएम कैसा हो, आरसीपी सिंह जैसा हो'
हाल ही में आरसीपी सिंह ने अपने बयानों से ये साफ कर दिया था कि वह नीतीश के सामने 'आत्मसमर्पण' नहीं करने वाले हैं, बल्कि 'जंग' लड़ेंगे। आरसीपी सिंह ने नीतीश के गढ़ नालंदा पर दावा ठोकते हुए कहा था, "मेरा जन्म नालंदा में ही हुआ है, जबकि सीएम नीतीश कुमार का जन्म तो बख्तियारपुर में हुआ है।" वहीं, जहानाबाद में उनके समर्थकों ने यह तक नारा लगा दिया था, "बिहार का सीएम कैसा हो, आरसीपी सिंह जैसा हो।"
राजनीति में आने के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी
बता दें कि आरसीपी आईएएस ऑफिसर रह चुके हैं। उत्तर प्रदेश कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी आरसीपी सिंह ने 1990 के दशक के अंत में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए नीतीश कुमार का विश्वास जीता था। उस समय नीतीश कुमार केंद्रीय मंत्री थे। सिंह ने राजनीति में आने के लिए 2010 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी।
पिछले साल आरसीपी सिंह केंद्र में मंत्री बनाए गए थे
आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री के रहने के पहले पांच सालों के दौरान प्रमुख सचिव के रूप में कार्य किया था। बाद में जेडीयू में सिंह का वर्चस्व बढ़ता गया। उन्हें लगातार दो बार राज्यसभा भेजा गया। नीतीश कुमार के बाद सिंह जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए थे। पिछले साल आरसीपी सिंह केंद्र में मंत्री बनाए गए थे।