Bihar News: बिहार के मुजफ्फरपुर-सुल्तानगंज का नाम बदलने की मांग, मंत्री बोले- मंदिरों के नाम पर हो
Bihar News: मंत्री ने कहा कि वह शहर के चार कोनों में प्रवेश द्वार चाहते हैं और प्रत्येक का नाम मंदिर के नाम हो।
Bihar News: बिहार सरकार में मंत्री और बीजेपी नेता राम सूरत राय ने रविवार को सुझाव दिया कि मुजफ्फरपुर शहर का नामकरण बाबा गरीबनाथ धाम के नाम पर किया जाए, जो राज्य में भगवान शिव को समर्पित सर्वाधिक प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है। उन्होंने कहा कि सुल्तानगंज का नाम बदलकर अजगैबीनाथ शिव मंदिर के नाम पर रखा जाना चाहिए।
राय ने 'श्रावणी मेला' का उद्घाटन करने के बाद अपना सुझाव साझा किया। मंदिर के पास आयोजित यह मेला सावन महीने के दौरान बड़ी संख्या में शिव भक्तों को आकर्षित करता है। मंत्री मुजफ्फरपुर के रहने वाले हैं, लेकिन औराई विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। मंत्री ने कहा कि वह शहर के चार कोनों में प्रवेश द्वार चाहते हैं और प्रत्येक का नाम मंदिर के नाम हो। इसके अलावा वह 'श्रावणी मेले' के लिए 'राज्य मेला' का दर्जा चाहते हैं।
'सुल्तानगंज का नाम अजगैबीनाथ शिव मंदिर के नाम पर रखा जाना चाहिए'
नीतीश कुमार कैबिनेट में राजस्व और भूमि सुधार मंत्री राय का यह भी विचार है कि सुल्तानगंज का नाम बदलकर अजगैबीनाथ शिव मंदिर के नाम पर रखा जाना चाहिए। भागलपुर जिले में गंगा के किनारे स्थित सुल्तानगंज वह स्थान है, जहां से कांवड़िये तीर्थयात्री पवित्र जल एकत्र कर उसे झारखंड के देवघर स्थित बैद्यनाथ धाम में चढ़ाते हैं। इस दौरान श्रद्धालु 100 किलोमीटर से अधिक की यात्रा करते हैं।
महाराष्ट्र के औरंगाबाद और उस्मानाबाद शहरों के नाम बदलने की मंजूरी
वहीं, महाराष्ट्र में भी दो शहरों के नाम बदलने की मंजूरी दी गई है। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने औरंगाबाद और उस्मानाबाद शहरों के नाम बदलकर क्रमश: छत्रपति संभाजीनगर और धाराशिव रखे जाने को शनिवार को मंत्रिमंडल की मंजूरी दे दी। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के इस्तीफा देने से ठीक पहले, 29 जून को उनकी अगुवाई वाली पूर्ववर्ती महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार ने इन शहरों के नाम बदलने का फैसला किया था।
बहरहाल, 30 जून को शपथ ग्रहण करने वाले एकनाथ शिंदे और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि ठाकरे नीत सरकार का इन शहरों के नाम बदलने का फैसला अवैध है, क्योंकि उन्होंने यह निर्णय राज्यपाल की ओर से विधानसभा में उन्हें बहुमत साबित करने के लिए कहने के बाद लिया। ठाकरे की अध्यक्षता में पिछले महीने हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने का फैसला किया गया था, लेकिन शिंदे नीत सरकार ने शनिवार को इसके आगे 'छत्रपति' जोड़ दिया।