Bihar News: बिहार, भारत का एक ऐसा राज्य जहां शराब पीना और बेंचना गैरकानूनी है। यहां अगर आप शराब पीते हुए पकडे जाते हैं तो आपको जेल हो सकती है। शराबबंदी को लेकर यहां लोगों की अलग-अलग राय है। कुछ लोग मानते हैं कि राज्य में शराबबंदी से अवैध शराब का बनना और और उसकी बिक्री बढ़ी है, जिससे कई लोगों की मौतें भी हुई हैं। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि शराबबंदी से फायदा हुआ है। लेकिन राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का कुछ अलग ही मानना है। उनके अनुसार अगर शराब थोड़ी मात्रा में पी जाए तो वह दवा का काम करती है।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने सलाह दी कि वे रात दस बजे के बाद शराब पिएं। शुक्रवार को कैमूर में बिहार की शराब नीति पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "दवा के रूप में थोड़ी-थोड़ी शराब लेना गलत नहीं है। मैंने अखबार में विशेषज्ञों की राय पढ़ी थी, जिसमें लिखा था कि व्यसन के रूप में शराब का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। जबकि दो पैग शराब पीना दवा की तरह काम करती है। रात 10:00 बजे के बाद दो पैग शराब पीना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।" उन्होंने कहा, "गरीब गुरबों को बड़े लोगों की नकल करनी चाहिए। जिस तरह अमीर लोग रात के 11-12 बजे के बाद शराब पीकर सो जाते हैं ठीक उसी तरह गरीब लोगों को भी करना चाहिए।"
मेरे विरोध से हुआ शराबबंदी कानून से बदलाव: जीतन राम मांझी
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैंने सरकार के सख्त शराब नीति का पुरजोर तरीके से विरोध किया। जिसका नतीजा रहा कि सरकार ने शराबबंदी कानून में तीन बार संशोधन किया। सख्त कानून के बारे में मुझे पुख्ता प्रमाण तब मिला जब एक मजदूर शराब पीकर सड़क के किनारे बैठा था, तभी पुलिस ब्रेथ एनालाइजर मशीन से उसकी जांच की उसे जेल भेज दी। अब उसे 7 साल की सजा हुई है।" उन्होंने कहा कि हम लोगों की मांग पर तीन संशोधन हुए हैं। जरूरत पड़ी तो शराब नीति में पुनः संशोधन कराया जाएगा।
कानून के बावजूद हो रही है तस्करी
गौरतलब है कि बिहार में वर्ष 2016 से पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है। लिहाजा बिहार सीमा के भीतर शराब का सेवन करना शराब का कारोबार करना कानूनन अपराध है। इस बीच शासन और प्रशासन के लाख सख्ती के बावजूद बिहार के भीतर बड़े पैमाने पर शराब की तस्करी की जा रही है।