Bihar News: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की एक विशेष अदालत ने सोमवार को JDU के पूर्व राज्यसभा सदस्य अनिल कुमार सहनी को अवकाश और यात्रा भत्ता (एलटीसी) घोटाला मामले में दोषी ठहराया। यह मामला 2012 में बिना यात्रा किए ही एयर इंडिया के फर्जी ई-टिकट के सहारे यात्रा भत्ता (टीए) प्राप्त करने का प्रयास करने से संबंधित है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। सीबीआई ने जांच के दौरान पाया कि सहनी ने टीए बिल के दो सेट पेश करते हुए राज्यसभा से 23.71 लाख रुपये का दावा किया था। उनमें से एक सेट में मार्च, 2012 में सांसद और नौ अन्य साथियों के नाम से 20 फर्जी ई-टिकट और 40 बोर्डिंग पास पेश किए गए थे। दूसरे सेट में दिसंबर 2012 में सहनी और उनके छह साथियों के नाम पर सात जाली ई-टिकट और 21 बोर्डिंग पास थे।
पूर्व सांसद ने फ्लाइट के 27 फर्जी टिकट लगाए थे
सीबीआई ने कहा कि 20 फर्जी ई-टिकट दिल्ली-चेन्नई-पोर्ट ब्लेयर मार्ग पर कथित वापसी यात्रा के लिए थे, जबकि सात नकली टिकटों का सेट दिल्ली-कोलकाता-पोर्ट ब्लेयर मार्ग पर वापसी यात्रा के लिए था। बता दें कि एक सांसद अकेले या पति या पत्नी या विभिन्न सहयोगियों या रिश्तेदारों के साथ प्रति वर्ष 34 हवाई यात्रा के हकदार हैं। अधिकारियों के अनुसार सहनी ने महसूस किया था कि उनकी यात्रा का कोटा पूरा नहीं हुआ था, इसलिए उन्होंने यात्रा किए बिना ही दावा करने की खातिर नकली ई-टिकट और बोर्डिंग पास प्राप्त करने के लिए दूसरों के साथ आपराधिक साजिश रची। लेकिन प्रतिपूर्ति प्राप्त करने के उनके प्रयास सफल नहीं हुए।
एयर इंडिया से क्रॉस चेक में फर्जी निकले लाखों के बिल
दिल्ली-कोलकाता-पोर्ट ब्लेयर रूट पर कथित यात्रा के लिए जमा किए गए नौ लाख रुपये से अधिक के बिलों को राज्यसभा के अधिकारियों ने अस्वीकार्य पाया और उन्होंने एयर इंडिया के साथ इसकी जांच (क्रॉस-चेक) की। एयर इंडिया ने पुष्टि की कि ये टिकट असली नहीं हैं। सीबीआई ने नौ लाख रुपये की प्रतिपूर्ति का दावा करने में जालसाजी के लिए 31 दिसंबर, 2013 को प्राथमिकी दर्ज की थी। विशेष अदालत ने सहनी की इस दलील को खारिज कर दिया कि दोनों दावों में भुगतान या खर्चों की प्रतिपूर्ति के रूप में उन्हें कोई अवैध लाभ नहीं मिला है। अदालत ने कहा कि यह तर्क "कानूनी रूप से मान्य नहीं है" क्योंकि सबूत ने फर्जी और जाली दस्तावेजों के आधार पर यात्रा व्यय की प्रतिपूर्ति के लिए सहनी की ओर से दो बार किए प्रयासों को विधिवत स्थापित किया है।
31 अगस्त को सुनाई जाएगा सजा
विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने कहा कि प्रयास उसी क्षण पूरा हो गया जब फर्जी दस्तावेजों के आधार पर टीए के दावे राज्यसभा सचिवालय को प्रस्तुत किए गए। उन्होंने कहा कि राशि का भुगतान नहीं होना महत्वपूर्ण नहीं है क्योंकि सहनी पर सिर्फ धोखाधड़ी का प्रयास करने का आरोप लगाया गया है। सीबीआई ने एक बयान में कहा कि सजा 31 अगस्त 2022 को सुनाई जाएगी। सहनी अभी बिहार में कुढ़नी विधानसभा क्षेत्र के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक हैं।