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बिहार: नीतीश कैबिनेट के मंत्री मदन साहनी ने की इस्तीफे की घोषणा, कहा- अधिकारी कोई भी बात नहीं सुन रहे हैं

बिहार की नीतीश कुमार सरकार में समाज कल्याण मंत्री मदन साहनी ने गुरुवार को इस्तीफे की घोषणा कर दी है। दरअसल, सहनी अफसरशाही से इतने नाराज हैं कि उन्होंने इस्तीफा देना ही उचित समझा है।

नीतीश कैबिनेट के मंत्री मदन सहनी ने की इस्तीफे की घोषणा- India TV Hindi Image Source : ANI नीतीश कैबिनेट के मंत्री मदन सहनी ने की इस्तीफे की घोषणा

पटना। बिहार की नीतीश कुमार सरकार में समाज कल्याण मंत्री मदन साहनी ने गुरुवार को इस्तीफे की घोषणा कर दी है। दरअसल, साहनी अफसरशाही से इतने नाराज हैं कि उन्होंने इस्तीफा देना ही उचित समझा है। समाज कल्याण मंत्री ने यहां तक कह दिया कि नीतीश सरकार में मंत्रियों की कोई पूछ नहीं है। मंत्री ने विभागीय अपर मुख्य सचिव अतुल प्रसाद पर मनमानी करने का आरोप लगाकर इस्तीफे की पेशकश की है।

सभी विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है- मदन सहनी

समाज कल्याण मंत्री मंत्री मदन साहनी ने खुलकर नाराजगी जाहिर की है। इंडिया टीवी के साथ विशेष बातचीत में सहनी ने कहा कि विभाग के अधिकारी सुनते नहीं है, मेरे विभाग समेत सभी विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है। मुख्यमंत्री के आसपास के अधिकारी फोन नहीं उठाते हैं तो फिर किससे क्या कहें। CM नीतीश के सचिव चंचल कुमार भगवान की तरह हैं। ऐसी स्थिति में मंत्री रहने से क्या फायदा। नीतीश जी हमारे नेता हैं। मेरी बात मान भी ली जाए तो मैं इस्तीफे की पेशकश छोड़ने वाला नहीं हूं। मैं कोई ब्लैकमेलर नहीं हूँ, जेडीयू छोड़ नहीं रहा।

'अफसरशाही चरम पर है'

इस्तीफे की पेशकश करने वाले समाज कल्याण मंत्री मदन साहनी ने इंडिया टीवी से कहा कि अधिकारी कोई भी बात नहीं सुन रहे हैं। नीतीश जी के पास बहुत बात रख चुके वहां सिर्फ और सिर्फ अफसर की बात को ही तवज्जो दिया जाता है, हम लोग की बात नहीं सुनी जाती इसलिए हमने तय कर लिया है कि अब मंत्रिमंडल में नहीं रहना है, अपने क्षेत्र में विधायक के रूप में काम करेंगे। हमारी कोई मांग है ही नहीं। भ्रष्टाचार किस विभाग में नहीं है, एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी, जो भ्रष्ट होते हैं वह जनप्रतिनिधि की बात भी सुनते हैं, यहां तो चोरी और सीनाजोरी भी है। अफसरशाही चरम पर है। सभी मंत्री सभी विधायक तो इसे जानते है लेकिन सब लोग थोड़े ही इस्तीफा दे देंगे, फिर सरकार चलेगी कैसे, नीतीश कुमार की सरकार को एक मंत्री के इस्तीफा देने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। 

'हम किसी के संपर्क में नहीं हैं, पार्टी में बने रहेंगे'

साहनी ने आगे कहा कि हम किसी के संपर्क में नहीं हैं। पार्टी में बने रहेंगे। मंत्री बनने का मतलब गुलाम बनना नहीं होता है, हम किसी का गुलाम नहीं है। आप कहेंगे 5 साल पहले क्यों नहीं बोले तो लोग कोशिश करता है, बर्दाश्त करता है कि आगे सब कुछ ठीक हो सकता है लेकिन अब हमको लग रहा है कि कुछ नहीं होने वाला है इसलिए छोड़ देने में ही भलाई है। कोई फायदा नहीं है। नीतीश कुमार के आसपास रहने वाला सबसे बड़ा चंचल कुमार है, दिन भर फोन उठाता नहीं है मुख्यमंत्री जी से बात हो भी जाये लेकिन चंचल कुमार तो भगवान है। हम ब्लैकमेलर नहीं है हम बोले हैं कि इस्तीफा करेंगे तो इस्तीफा करेंगे।