पटना: बिहार के मंत्री अशोक चौधरी ने विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के खिलाफ बुधवार को एक स्थानीय अदालत में मानहानि का मामला दायर कर दावा किया कि उन्होंने हाल में एक वीडियो को “संपादित/छेड़छाड़” कर अपने सोशल मीडिया खाते से जारी किया कहा था कि मंत्री ने विपक्षी पार्टी के बारे में बात करते हुए अपशब्दों का इस्तेमाल किया।
नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में भवन निर्माण मंत्री चौधरी ने राजद नेता तेजस्वी द्वारा सोशल मीडिया पर अपने पिता लालू प्रसाद के 73 वें जन्मदिन के अवसर पर जारी उनके (लालू के) एक खुले पत्र के बारे में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए मंत्री का एक वीडियो साझा करते हुए की गयी टिप्पणी पर अपनी मानहानि को लेकर गत 15 जून को कानूनी नोटिस भेजी थी । चौधरी ने कहा था कहा कि समाज और मेरी छवि धूमिल करने के उद्देश्य से नेता प्रतिपक्ष ने जो हरकत की है, मैंने उसके जवाब में कानूनी नोटिस भेजा है। कांग्रेस कोटे से राजद प्रमुख लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी के मंत्रिमंडल में भी मंत्री के रूप में पूर्व में काम कर चुके चौधरी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जनता से या तो माफी मांगे अन्यथा हम कानूनी रूख अख़्तियार करने को विवश होंगे।
चारा घोटला के मामले में सजायाफ्ता और वर्तमान में रांची के एक अस्पताल में इलाजरत राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने अपने खुले पत्र के माध्यम आसन्न बिहार विधानसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी के समर्थन में प्रदेश वासियों को गोलबंद होने की अपील की थी । चौधरी ने कहा था, “अपने लंबे पत्र में उन्होंने (लालू) कहा है कि वे दलितों और शोषितों के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे लेकिन उन्हें लोगों को यह बताना चाहिए कि जब उनके पास सत्ता थी तब उन्होंने वास्तव में उनके लिए क्या किया था।” तेजस्वी के सोशल मीडिया अकाउंट से एक वीडियो क्लिप साझा की गई थी जिसमें चौधरी कथित तौर पर एक अपशब्द का इस्तेमाल करते नजर आ रहे हैं, हालांकि चौधरी ने इसे संपादित/छेड़छाड़ किया हुआ करार दिया है। पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में प्रतिपक्ष के नेता के खिलाफ भादंवि की धारा 499 और 500 के तहत दायर अपनी याचिका में चौधरी ने अदालत से कहा है कि ‘उपरोक्त तथ्यों और परिस्थितियों के आलोक में’ तेजस्वी पर ‘अपमानजनक और असंसदीय बयानों’ के लिए मुकदमा चलाया जाए और उन्हें दंडित किया जाए और कानून के अनुसार ‘दंडात्मक हर्जाना’ लगाया जाए।