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बिहार सरकार ने प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए विशेष ट्रेन चलाने की मांग की

उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा है कि बिहार में बसों की सीमित उपलब्धता है और प्रवासी मजदूरों की जितनी संख्या विभिन्न राज्यों में हैं, उससे सड़क मार्ग से उन्हें लाने में महीनों लग सकता है।

Train- India TV Hindi Image Source : TWITTER Indian Railways

पटना. बिहार सरकार ने गुरुवार को केंद्र सरकार से प्रवासी मजदूरों और छात्रों को लाने के लिए विशेष ट्रेन चलाने की मांग की है। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा है कि बिहार में बसों की सीमित उपलब्धता है और प्रवासी मजदूरों की जितनी संख्या विभिन्न राज्यों में हैं, उससे सड़क मार्ग से उन्हें लाने में महीनों लग सकता है।

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नियमों को संशोधित करते हुए देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे लोगों को कुछ शतरें के साथ वापस अपने राज्य जाने की अनुमति दे दी है। इस आदेश के एक दिन बाद गुरुवार को सुशील मोदी ने कहा, "बाहर से आने वाले सभी बिहार के लोगों का स्वागत है। देश के किसी भी हिस्से से वापस आने के यहां स्क्रीनिंग, होम क्वारंटीन जैसी व्यवस्थाएं लागू हैं।" उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले लोगों के लिए नोडल अधिकारी तक नियुक्त कर दिए हैं।

मोदी ने कहा कि वापसी की चाह रखने वालों की संख्या बहुत बड़ी है। उन्होंने कहा, "अगर हम बसों पर निर्भर करते हैं, तो प्रक्रिया को पूरा होने में महीनों लग सकते हैं। मैं केंद्र से विशेष ट्रेनें चलाने के लिए आग्रह करूंगा।" मोदी ने कहा कि लॉकडाउन के के कारण फंसे बिहार के लोगों की संख्या बहुत बड़ी है, जिनमें 17 लाख से अधिक को राज्य सरकार की तरफ से प्रत्येक को 1,000 रुपये की वित्तीय सहायता मिली है और लगभग 10 लाख से अधिक आवेदनों की जांच की जा रही है।

उन्होंने कहा, "बिहार के लोग पूरे देश में फैले हुए हैं। दिल्ली जैसे स्थानों में इनकी संख्या काफी अधिक है। हम ऐसे स्थानों से लोगों को लाने के लिए बसों का विकल्प चुन सकते हैं, जो बिहार के करीब हैं, लेकिन दूर-दराज के लोगों के लिए केंद्र को विशेष रूप से हमारे अनुरोध पर विचार करना चाहिए।"