पटना: चुनाव आयोग ने सोमवार को घोषणा की कि बिहार विधान परिषद् की नौ सीटों पर चुनाव अब छह जुलाई को होंगे। चुनाव पहले मई में होने वाले थे लेकिन कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए इन सीटों पर चुनाव टाल दिया गया था। निर्वाचन आयोग की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, चुनाव की अधिसूचना 18 जून को जारी होगी और नामांकन पत्र 25 जून तक दाखिल किए जा सकेंगे। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 29 जून है, जबकि चुनाव छह जुलाई को होंगे। चुनाव समाप्त होने के बाद तय नियमों के मुताबिक छह जुलाई की शाम को ही मतगणना होगी।
बिहार विधान परिषद् के नौ सदस्यों का कार्यकाल छह मई को समाप्त हो गया था, जिसके बाद ये सीटें खाली हो गई थीं। इन सीटों पर जद(यू)- भाजपा के सदस्य काबिज थे। बहरहाल, विधानसभा में बदले समीकरण के कारण इनमें से कुछ सीटें अब राष्ट्रीय जनता दल नीत विपक्ष के खाते में जा सकती हैं। जिन नौ विधान पार्षदों के कार्यकाल समाप्त हुए हैं उनमें राज्य कैबिनेट में शामिल अशोक चौधरी, पूर्व मंत्री पी.के.शाही, पूर्व कार्यवाहक सभापति हारून राशिद (सभी जद-यू के) और भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया सह-संयोजक संजय प्रकाश उर्फ संजय मयूख शामिल हैं।
राशिद का कार्यकाल खत्म होने के साथ ही ऊपरी सदन ‘‘सभापति विहीन’’ हो गया है। अगर सदन का सत्र बुलाना पड़े तो राज्य सरकार की अनुशंसा पर राज्यपाल फागू चौहान चयनित सदस्यों में से कार्यवाहक सभापति नियुक्त कर सकते हैं। 75 सदस्यीय विधान परिषद् में वर्तमान में 26 सीट खाली है। बिहार विधानसभा में 243 सीट है जिसमें एक सीट इस वर्ष जनवरी में राजद विधायक अब्दुल गफूर की मृत्यु के कारण खाली है। जनता दल (यू) और भाजपा गठबंधन के पास 130 सीट है जबकि राजद-कांग्रेस गठबंधन के पास 110 सीट है। इसे भाकपा माले के तीन विधायकों के अलावा एआईएमआईएम के विधायक का समर्थन भी मिल सकता है। बिहार में इस वर्ष 29 नवम्बर से पहले विधानसभा चुनाव हो सकते हैं।