पटना: बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों की संख्या में बुधवार को राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने भारी संशोधन किया जिससे इस महामारी से मरने वालों की कुल संख्या बढकर 9429 हो गई जो मंगलवार को 5458 थी। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण से बुधवार तक मरने वालों की 5478 की संख्या के अलावा सत्यापन के बाद अतिरिक्त 3951 अन्य लोगों की मौत के आंकडे जोडे गए हैं। विभाग द्वारा जारी आंकडे में हालांकि यह निर्दिष्ट नहीं किया गया है कि ये अतिरिक्त मौतें कब हुईं लेकिन प्रदेश के सभी 38 जिलों का एक ब्रेकअप उल्लेखित किया गया है।
ताजा आंकड़ों के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या 8,000 के करीब है और अप्रैल से मरने वालों की संख्या में लगभग छह गुना वृद्धि हुई है। बिहार में कोरोना से प्रदेश की राजधानी पटना में कुल 2303 मौतें हुईं हैं जबकि मुजफ्फरपुर जिला 609 मौतों के साथ दूसरे नंबर पर है। सत्यापन के बाद पटना में सबसे अधिक 1070 अतिरिक्त मौतें जोड़ी गई हैं। इसके बाद बेगूसराय में 316, मुजफ्फरपुर में 314 और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैतृक नालंदा में 222 अतिरिक्त मौतें जोड़ी गई हैं।
पिछले साल कोरोना महामारी की शुरूआत होने से लेकर राज्य में इस रोग से अबतक संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढकर 715179 हो गयी जिनमें से पांच लाख से अधिक लोग इस संक्रमण की चपेट में पिछले कुछ महीनों में आए हैं। दिलचस्प बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद ठीक होने वालों की संख्या मंगलवार को 701234 बतायी थी जिसे बुधवार को संशोधित करके 698397 कर दिया गया है। बिहार में कोरोना वायरस के मरीजों के ठीक होने का प्रतिशत मंगलवार को जहां 98.70 प्रतिशत बताया गया था उसे बुधवार को संशोधित करके 97.65 प्रतिशत कर दिया गया है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा आंकडों में संशोधन किये जाने के बाद विपक्ष को सरकार पर निशाना साधने को एक नया अवसर मिल जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बिहार में एक महीने से अधिक समय तक लाकडाउन के बाद कोरोना संक्रमण के मामलों के कमी आई है और बुधवार को केवल 20 मौतें और 589 नए मामले प्रकाश में आए हैं। बिहार में बुधवार को 18 से 44 वर्ष और 45 वर्ष से ऊपर सहित 121780 लोगों ने कोविड-19 रोधी टीका लिया और प्रदेश में अबतक 11472029 लोग टीका ले चुके हैं।