पटना: बिहार में गुरुवार को कोरोना वायरस के मरीजों की कुल संख्या 1881 हो गई। इनमें से 999 वह प्रवासी हैं, जो 3 मई के बाद दूसरे राज्यों से वापस अपने गृह राज्य बिहार लौटे हैं। कुल कोरोना पॉजिटिव पाए गए प्रवासियों में सबसे ज्यादा दिल्ली से लौटे हैं। दिल्ली से लौटने वाले 296, महाराष्ट्र से लौटे 253 और गुजरात से लौटे 180 प्रवासी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
3 मई से जबसे ट्रेनें आनी शुरू हुई हैं, बिहार में संक्रमण की रफ्तार काफी बढ़ गयी है। आज यहां 85 ट्रेन आ रही हैं, जिससे 140250 प्रवासी राज्य में आएंगे। बिहार में 500 ट्रेनें अब तक आ चुकी हैं, जिससे 7 लाख 25 हजार लोग आ चुके हैं। बिहार के अलग-अलग प्रखंड में बने क्वारंटाइन केंद्रो की संख्या अभी बढ़कर 10353 हो गई है, जिसमें करीब 7.5 लाख प्रवासी रह रहे हैं।
बता दें कि बिहार में दूसरे राज्यों से श्रमिक स्पेशल ट्रेन से आ रहे प्रवासियों को स्टेशन से बस के जरिए उनके गृह जिले में बने ब्लॉक क्वारंटाइन सेंटर में ले जाया जाता है, जहां उन्हें 14 दिन रहना होता है लेकिन कुछ जगहों पर यह देखने को मिल रहा है कि प्रवासी मजदूर स्टेशन से कुछ पहले ही ट्रेन को वैक्यूम करके उतर जाते हैं।
ऐसे सभी प्रवासी जब सीधे अपने घर चले जाते हैं तो संक्रमण फैलने का खतरा इनके घर के साथ साथ गांव के लोगों को भी होता। इसके अलावा इस तरह ट्रैक पर उतरना और फिर ट्रैक के जरिए ही आगे चलना काफी खतरनाक भी हो सकता है, हादसे भी हो सकते हैं।
बिहार में काफी संख्या में ट्रेनों के चलने के बाद भी अब भी सड़कों पर पैदल और ट्रक के जरिये कुछ प्रवासी मजदूर आ रहे हैं, जो चुपके से सीधे अपने घर चले जाते हैं। ऐसे में बिहार में संक्रमण का खतरा और भी बढ़ जाता है।