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Hindi News बिहार कभी भी हो सकता है नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार, खराब रिपोर्ट कार्ड वाले मंत्रियों की होगी छुट्टी!

कभी भी हो सकता है नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार, खराब रिपोर्ट कार्ड वाले मंत्रियों की होगी छुट्टी!

बिहार मंत्रिमंडल में विस्तार कभी भी हो सकता है। इसकी तैयारी भी लगभग पूरी हो चुकी है। राज्य में ठीक एक साल बाद विधानसभा चुनाव है। इसलिए मंत्रिमंडल में कुछ नए लोगों को भी मौका देकर विभिन्न वर्गों को साधने की कोशिश की जा सकती है।

jp nadda nitish kumar- India TV Hindi Image Source : PTI जेपी नड्डा और नीतीश कुमार

बिहार कैबिनेट में जल्द ही बड़ा फेरबदल हो सकता है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने आज जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के घर पहुंचकर करीब आधे घंटे तक बातचीत की। मीटिंग खत्म करने के बाद बाहर आए दोनों नेताओं के चेहरे पर खुशी दिखी। माना जा रहा है कि नीतीश सरकार में खराब रिपोर्ट कार्ड वाले मंत्रियों को ड्रॉप किया जा सकता है और उनकी जगह नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं।

बीजेपी-जेडीयू के बीच बन गई सहमति?

उमेश कुशवाहा से मिलने के बाद दिलीप जायसवाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, ''बिहार में बोर्ड-निगम का गठन कभी भी हो सकता है, पूरी लिस्ट तैयार हो गई है। इसको लेकर जेडीयू और बीजेपी के बीच सहमति बन गई है।''  वहीं, दिलीप जायसवाल ने कहा कि दोनों पार्टियां और बेहतर समन्वय बना कर काम करेगी। उन्होंने ये जानकारी भी दी कि बिहार मे मंत्रिमंडल विस्तार भी जल्द होने जा रहा है। इस मामले में भी बीजेपी और जेडीयू के बीच सहमति बन गई है।

जेपी नड्डा ने की थी नीतीश से मुलाकात

सूत्रों के अनुसार बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 3 दिन पहले ही अपने बिहार दौरे के दौरान नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। उस दौरान भी मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा हुई थी। दिलीप जायसवाल से हुई मुलाकात के बाद जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि बीजेपी-जेडीयू में बेहतर कोओर्डिनेशन के लिए बातचीत हुई है और इस संबंध मे एक कोऑर्डिनेशन कमिटी भी बनाई जा सकती है।

अभी किस दल से कितने मंत्री?

बता दें कि इस समय बिहार के मंत्री परिषद में जेडीयू, बीजेपी और जीतन राम मांझी की 'हम' को मिलाकर कुल 30 सदस्य हैं। नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं जबकि विजय कुमार सिन्हा और सम्राट चौधरी डिप्टी सीएम हैं। मंत्री परिषद की अधिकतम सीमा 36 है इसलिए 6 और मंत्री बनाए जा सकते हैं। जिनका प्रदर्शन खराब है, उनको ड्रॉप किया जा सकता है। राज्य में एक साल बाद विधानसभा का चुनाव हैं ऐसे में  कुछ नए लोगों को भी मौका देकर विभिन्न वर्गों को साधने की कोशिश की जा सकती है।