Bihar News: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने गुरुवार को कहा कि बिहार में बाकी घोटाले तो होते ही हैं लेकिन अब अनोखा वकील घोटाला भी हुआ। उन्होंने कहा कि बिहार के महाधिवक्ता (सॉलिसिटर जनरल) खुद बहस में भाग नहीं लेते। उन्होंने कहा कि नगर निकाय चुनाव को आरक्षण को लेकर स्थगित किए जाने के पटना हाई कोर्ट के फैसले को लेकर अदालत में 15 रिव्यू पिटीशन फाइल किए गए। फिर सबको वापस ले लिया गया। इसके लिए महंगे वकील दिल्ली से लाए गए।
"सरकार के वकील की क्षमता पर मुझे शक"
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष जायसवाल ने कहा कि आखिर इतने खर्च की जरूरत क्या थी। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट में सरकार के वकील की क्षमता पर अब मुझे शक हो रहा है। पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा नेता ने शराबबंदी को लेकर उच्च न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर सरकार को घेरते हुए कहा कि शराबबंदी के नाम पर अन्य नशे में लोगों को ढकेला जा रहा है। उन्होंने कहा कि सीएम के अलावा बिहार के सभी लोगों को पता है पुलिस और माफिया के गठजोड़ से राज्य के सभी इलाकों में शराब की आपूर्ति हो रही है।
डीजीपी मामले में अनियमितता का खुलासा
जायसवाल ने बताया कि शुरू से ही हमलोग इस बात को उठाते रहे हैं। जब सत्ता में थे और यह मामला उठाते थे तो उन्हें तकलीफ होती थी। उन्होंने कहा कि डीजीपी प्रकरण में फिलहाल एक अनियमितता का खुलासा हुआ है, लेकिन इससे पता चलता है कि दबाव के जरिए उनसे कुछ भी कराया जा सकता है। उन्होंने इस तरह के और क्या-क्या कारनामे किये हैं, यह जांच से ही पता चल सकता है। हमारी मांग है कि सरकार निष्पक्ष तरीके से उनकी जांच कराए।
"अपराधी भी क्राइम के लिए पटना को चुनता है"
डॉ जायसवाल ने कानून व्यवस्था की स्थिति पर सरकार को घेरते हुए कटाक्ष किया कि अब अपराधी भी घटना को अंजाम देने के लिए पटना को चुनता है। हरनौत के मुखिया के पति की हत्या पटना में की जाती है। ट्रेन में डकैती के लिए पटना को चुना जाता है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने पीएम बनने की अभिलाषा में बिहार को जंगल में बदल दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों से ऐसा सवाल पूछा जाता है कि कोई भी देश का नागरिक स्वीकार नहीं करेगा।