बिहार: 24 घंटे में वज्रपात से 10 लोगों की मौत, सीएम नीतीश ने 4 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया
मानसून के बीच लगातार बारिश के साथ वज्रपात होने से कई लोगों की जान जा चुकी है। आपदा प्रबंधन विभाग ने बारिश के दौरान घर के अंदर रहने की अपील की है।
बिहार में बारिश के बीच आकाशीय बिजली जानलेवा साबित हो रही है। राज्य में पिछले 24 घंटे में वज्रपात के कारण 10 लोगों की मौत हो चुकी है। ये 10 मौतें नौ अलग-अलग जिलों में हुई हैं। इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मृतकों के आश्रितों को चार-चार लाख रूपये अनुग्रह अनुदान देने का निर्देश दिया है। पिछले 24 घंटे में वज्रपात से नालन्दा में 02, वैशाली में 01, भागलपुर में 01, सहरसा में 01, रोहतास में 01, सारण में 01, जमुई में 01, भोजपुर में 01 एवं गोपालगंज में 01 व्यक्ति की मौत हुई है।
मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि सभी लोग खराब मौसम में पूरी सतर्कता बरतें। खराब मौसम होने पर वज्रपात से बचाव के लिये आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किए गये सुझावों का अनुपालन करें। खराब मौसम में घरों में रहें और सुरक्षित रहें।
कई नदियां उफान पर
बिहार के विभिन्न हिस्सों में पिछले 24 घंटों के दौरान लगातार बारिश से कोसी, महानंदा, बागमती, गंडक, कमला बलान और कमला सहित अन्य प्रमुख नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। जल संसाधन विभाग के बुलेटिन में कहा गया है कि कई स्थानों पर नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जबकि कुछ स्थानों पर वे चेतावनी के स्तर पर पहुंच गई हैं। बागमती नदी का जल स्तर सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, शिवहर, औराई, सुप्पी और अन्य आसपास के क्षेत्रों में खतरे के निशान पर पहुंच गया है। रविवार सुबह आठ बजे सीतामढ़ी और सुप्पी में बागमती नदी का जलस्तर 71.16 मीटर था, जो खतरे के निशान से 0.16 मीटर ऊपर है।’’ बुलेटिन के मुताबिक बागमती नदी ने रविवार को मुजफ्फरपुर, शिवहर, औराई और पिपराही में खतरे के निशान को पार कर लिया।
गंडक खतरे के निशान से ऊपर
गोपालगंज और इसके सिधवलिया प्रखंड में गंडक नदी खतरे के निशान 62.22 मीटर (रविवार सुबह 8 बजे) से ऊपर बह रही थी। इसी तरह कमला बलान नदी मधुबनी, लखनौर और झंझारपुर में खतरे के निशान (रविवार सुबह 8 बजे) पर पहुंच गई है। कमला बलान नदी जयनगर और झंझारपुर में भी खतरे के निशान क्रमशः 67.80 मीटर और 50.30 मीटर से ऊपर बह रही है। बुलेटिन में कहा गया है कि अररिया में परमान नदी खतरे के निशान 47 मीटर से ऊपर बह रही है, जबकि महानंदा नदी पूर्णिया और बाएसी प्रखंड में खतरे के निशान को पार कर गई है। लाल बकेया नदी पूर्वी चंपारण जिले के ढाका में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। कोसी नदी का जलस्तर सुपौल, खगड़िया के गोगरी और कटिहार के कुर्सेला में बढ़ने के क्रम में है।
निचले स्थानों को खाली कराया गया
विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है और निचले इलाकों में लोगों को संबंधित जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। उन्होंने बताया कि सभी संबंधित विभाग सतर्क हैं। जिलावार वर्षा बुलेटिन के अनुसार, ‘‘ छह जुलाई से अररिया, अरवल, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, बक्सर, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, जमुई, खगड़िया, किशनगंज, लखीसराय, मधुबनी, मुंगेर, नालंदा, नवादा, पटना, पूर्णिया, रोहतास, समस्तीपुर, सारण, शेखपुरा, शिवहर, सीतामढ़ी, सीवान, वैशाली और पश्चिमी चंपारण सहित कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई।’